
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव, क्या देश से FPI निवेश पलटेगा रुख?
क्या है खबर?
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण शेयर बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है। खासकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या वे अपनी पूंजी वापस खींच सकते हैं।
बीते दिन (8 मई) भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य कार्रवाई के बाद बाजार में हल्का झटका लगा। भारतीय शेयर बाजार में आज (9 मई) बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है, जहां सेंसेक्स 800 अंकों तक लुढ़क गया।
FPI
FPI निवेशकों की भावना अब भी स्थिर
विशेषज्ञों के मुताबिक, FPI निवेशकों की भावना अब तक स्थिर रही है।
उन्होंने लगातार 16वें दिन भारतीय शेयर बाजार में निवेश जारी रखा, जिससे कुल 48,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आई है।
हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि अगर तनाव और गहराया, तो यही निवेशक सुरक्षित जगहों की तलाश में भारत से पैसा निकाल सकते हैं। फिलहाल वे भारत की मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को देखते हुए टिके हुए हैं।
चिंता
रुपये की कमजोरी ने बढ़ाई चिंता
तनाव का असर रुपये पर भी पड़ा है। बीते दिन रुपया 89 पैसे गिरकर 85.72 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट रही।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी गिरावट से FPI निवेशकों में डर पैदा हो सकता है। डॉलर में मजबूती और रुपये में कमजोरी उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे वे अपने निवेश को वापस ले सकते हैं।
हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी बाजार को फिलहाल सहारा दे रही है।
सलाह
निकट भविष्य में सतर्क रहने की जरूरत
विशेषज्ञों ने साफ कहा है कि अगर भारत-पाक तनाव लंबा चला, तो FPI निवेश पर इसका सीधा असर पड़ेगा। ऐसे में विदेशी निवेशक इक्विटी से दूरी बना सकते हैं और इससे बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है।
इस स्थिति में वे रक्षात्मक शेयरों की ओर झुक सकते हैं। फिलहाल सलाह दी जा रही है कि निवेशक सतर्क रहें, मौलिक रूप से मजबूत शेयरों पर ध्यान दें और अचानक किसी बदलाव की आशंका को नजरअंदाज न करें।