TCS पर लगा लगभग 2,000 कर्मचारियों का जबरन ट्रांसफर करने, 900 का वेतन रोकने का आरोप
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पर अनैतिक ट्रांसफर करने और 900 कर्मचारियों का वेतन रोकने का आरोप लगा है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में IT कर्मचारी संघ नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉयी सीनेट (NITES) में शिकायत दायर की है। शिकायत के बाद महाराष्ट्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने भारतीय IT क्षेत्र की दिग्गज TCS को नोटिस भेजा है और इसके अधिकारियों को 18 जनवरी एक औपचारिक बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
TCS पर ट्रांसफर से संबंधित क्या आरोप?
NITES को TCS के बारे में 300 से अधिक शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद उसने श्रम विभाग को पत्र लिखा। NITES ने कहा कि TCS ने करीब 2,000 कर्मचारियों का परामर्श के लिए पर्याप्त समय दिए बिना दूसरे शहरों में स्थित विभिन्न शाखाओं में ट्रांसफर कर दिया गया, जिससे उन्हें कठिनाई हुई। NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने पत्र में कहा कि TCS ने आदेश न मानने पर कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी।
TCS ने कर्मचारियों को क्या धमकी दी थी?
TCS ने कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में लिखा, "TCS के मुंबई कार्यालय में ट्रांसफर किए जाने संबंधी ईमेल के संदर्भ में बताया जाता है कि आपको 14 दिनों के भीतर संबंधित कार्यालय में पहुंच कर ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन ऐसा पाया गया है कि आपने अब तक संबंधित कार्यालय में रिपोर्ट नहीं किया, इसलिए कंपनी तत्काल प्रभाव से आपका वेतन रोकने की प्रक्रिया शुरू कर रही है।"
कंपनी ने रोका 900 कर्मचारियों का वेतन
NITES के अनुसार, TCS ने ऐसे ही ईमेल भेजने के बाद 900 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया क्योंकि इन कर्मचारियों ने 14 दिनों के भीतर संबंधित कार्यालय में रिपोर्ट नहीं किया था। फाइनेंशियल एक्सप्रेस (FE) के हवाले से NITES ने कहा, "कंपनी ने अनैतिक रूप से उन कर्मचारियों का वेतन रोक दिया, जो इन जबरन तबादलों का विरोध कर रहे हैं।" NITES ने इस अनैतिक कदम की कड़ी निंदा की है।
कुछ कर्मचारियों को मिला केवल 6,000 रुपये वेतन
FE की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कर्मचारियों को दिसंबर महीने में केवल 6,000 रुपये वेतन दिया गया, जबकि अन्य का वेतन पूरी तरह से रोक दिया गया। TCS ने कथित तौर पर इन कर्मचारियों की आधिकारिक अटेंडेंस और टाइम शीट पोर्टल तक पहुंच भी रोक दी है। TCS ने अभी इन आरोपों पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है और अब उसे महाराष्ट्र सरकार के सामने अपना पक्ष रखना होगा।