सेंसेक्स 1,100 अंकों से अधिक टूटा, इस वजहों से बाजार में देखने को मिल रही गिरावट
अमेरिकी शेयर बाजार में बीते दिन (18 दिसंबर) भारी गिरावट के बाद आज (19 दिसंबर) भारतीय शेयर बाजार में भी तेज गिरावट देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स आज 1,153 अंक यानी 1.44 प्रतिशत गिरकर 79,029.07 पर आ गया, जबकि निफ्टी 321.70 अंक या 1.33 प्रतिशत गिरकर 23,877 पर पहुंच गया। इस बड़ी गिरावट के कारण शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है और निवेशक चिंतित हैं।
भारतीय बाजार में गिरावट के कारण क्या हैं?
आज भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती है। फेड ने लगातार तीसरी बार 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की, लेकिन 2025 में दरों में धीमी कटौती के संकेत दिए, जिससे वैश्विक बाजारों में नकारात्मक असर पड़ा। अमेरिकी सूचकांकों में 3 प्रतिशत की गिरावट के बाद यह असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों से पैसा निकालना
भारतीय बाजार में गिरावट का एक और कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा भारतीय इक्विटी से पैसा निकालना है। FPI अब बेहतर रिटर्न देने वाले वैश्विक बाजारों में निवेश कर रहे हैं, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बढ़ रहा है। इस स्थिति में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव और दबाव जारी रहने की संभावना है। बीते 4 दिनों से शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
कंपनियों पर दबाव
अमेरिकी दर-संवेदनशील कंपनियों पर दबाव अमेरिका से अपना बड़ा हिस्सा प्राप्त करने वाली भारतीय IT कंपनियों पर 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट अमेरिकी फेड की दर में कटौती की घोषणा से जुड़ी है। इसके साथ ही, इंडिया VIX में भी 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी फेड द्वारा की गई दर कटौती के संकेतों से निवेशकों में डर पैदा हुआ, जिससे इन कंपनियों पर दबाव बढ़ा और भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई।
बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट
BSE में सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में 5.94 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई, जिससे यह 446.66 लाख करोड़ रुपये रह गया। इस गिरावट में प्रमुख कंपनियां जैसे HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और ICICI बैंक ने योगदान दिया। इन कंपनियों की गिरावट से सेंसेक्स में 600 अंक की कमी आई। इस गिरावट के कारण निवेशक और व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं, जिससे बाजार में और दबाव बढ़ रहा है।