रतन टाटा ने इन 4 लोगों को सौंपी है वसीयत लागू करने की जिम्मेदारी
क्या है खबर?
टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का हाल ही में 86 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनकी संपत्ति के वारिस को लेकर चर्चा हो रही है।
द इकोनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ने अपनी संपत्ति के उचित उपयोग के लिए एक वसीयत बनाई थी। वसीयत को लागू करने की जिम्मेदारी उन्होंने अपने वकील दरियस खंबाटा और अपने पुराने सहयोगी मेहली मिस्त्री को सौंपी है।
जिम्मेदारी
अपनी सौतेली बहनों को भी टाटा ने दी जिम्मेदारी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि टाटा ने वसीयत को लागू करने की बड़ी जिम्मेदारी अपने वकील और सहयोगी के साथ ही अपनी सौतेली बहनें शिरीन और डीनना जेजीभॉय को भी दी है।
बता दें कि अगस्त में जारी हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, टाटा के पास टाटा संस में कुल 0.83 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी और उस समय उनकी कुल संपत्ति 7,900 करोड़ रुपये थी।
संपत्ति
ज्यादातर संपत्ति टाटा ने की दान
टाटा दान और परोपकार में हमेशा आगे रहे और चाहते थे कि उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा समाज के कल्याण में लगाया जाए।
उनकी संपत्ति का तीन-चौथाई टाटा संस से जुड़ा है और उन्होंने ओला, पेटीएम, ट्रैक्सन, फर्स्टक्राई, ब्लूस्टोन, कारदेखो, कैशकरो, अर्बन कंपनी और अपस्टॉक्स जैसी कंपनियों में निवेश किया है।
उन्होंने अपने पर्सनल इनवेस्टमेंट वकील आरएनटी एसोसिएट्स के जरिए 2023 तक 186 करोड़ रुपये का निवेश किया। मुंबई में उनका एक घर और अलीबाग में एक फार्महाउस है।