LOADING...
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक लोकसभा से पारित, ड्रीम-11 जैसी कंपनियों पर लग सकता है प्रतिबंध
ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है

ऑनलाइन गेमिंग विधेयक लोकसभा से पारित, ड्रीम-11 जैसी कंपनियों पर लग सकता है प्रतिबंध

लेखन आबिद खान
Aug 20, 2025
05:19 pm

क्या है खबर?

संसद के मानसून सत्र के दौरान आज लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग का प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया गया। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधेयक को पेश किया, जो पारित भी हो गया। कथित तौर पर इस विधेयक को एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। ये विधेयक ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म और उससे जुड़े विज्ञापनों को विनियमित करने के लिए लाया गया है। विधेयक में सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

कंपनियां

ड्रीम-11, रमी और पोकर जैसे प्लेटफॉर्म हो सकते हैं बंद

ये विधेयक ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और रियल-मनी गेम पर रोक लगाने के लिए है। अगर संसद से ये विधेयक पारित हो गया, तो सभी रियल मनी बेस्ड ऑनलाइन गेम पर रोक लग जाएगी। फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे ड्रीम-11, रमी, पोकर वगैरह जैसे प्लेटफॉर्म बंद भी हो सकते हैं। विधेयक में ऑनलाइन गेम में भागीदारी, प्रचार और संचालन को निषिद्ध किया गया है। इस विधेयक में निगरानी और जवाबदेही के लिए वैधानिक नियामक प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है।

प्रावधान

नियम तोड़ने पर होगा एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना

पैसे आधारित गेम का संचालन और प्रचार करना गैरकानूनी होगा। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसे 3 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन चलाने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। गेमों के पंजीयन और पैसे आधारित गेमों का निर्धारण करने के लिए एक प्राधिकरण बनाया जाएगा। पबजी जैसे बिना पैसे वाले ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा।

खिलाड़ी

गेम खेलने वालों पर नहीं होगी कोई कार्रवाई

विधेयक में ऐसे गेम्स के लिए ट्रांजेक्शन की सुविधा प्रदान करने वाले बैंक और वित्तीय संस्थानों को भी 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये के जुर्माने सहित दंड के पात्र माना गया है। एक से ज्यादा बार नियम तोड़ने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। ऐसे में 3 से 5 साल की जेल और ज्यादा जुर्माना शामिल है। विधेयक में ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने वालों को अपराधी नहीं माना जाएगा। इन्हें कोई सजा नहीं होगी।

वजह

सरकार क्यों लाई विधेयक?

सरकार का कहना है कि ऐसे गेमों के चलते लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई मामलों में लोगों की इन गेमों की आदत लग गई और वे भारी राशि हार गए। इसके बाद कुछ लोगों ने तो आत्महत्या तक कर ली। सरकार का मानना है कि यह कदम घरेलू कारोबार को बचाने और विदेशी कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी रोकने के लिए जरूरी है। इसके अलावा सरकार मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है।

असर

400 कंपनियां हो सकती हैं बंद, 2 लाख नौकरियों पर खतरा

गेमिंग उद्योग ने विधेयक के असर को लेकर चिंता जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग 2 लाख करोड़ रुपये का सेक्टर है और सालाना 31,000 करोड़ का राजस्व पैदा करता है। इससे सरकार को करीब 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स भी मिलता है। अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (AIGF), ई-गेमिंग महासंघ (EGF) और भारतीय फैंटेसी खेल महासंघ (FIFS) ने कहा कि विधेयक से 400 से ज्यादा कंपनियां बंद हो जाएंगी और 2 लाख लोगों का रोजगार चला जाएगा।