
ED की जांच के घेरे में मिंत्रा, नियमों के उल्लंघन के साथ व्यवसाय चलाने का आरोप
क्या है खबर?
ई-कॉमर्स कंपनी मिंत्रा अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में आ गई है। ED ने मिंत्रा पर विदेशी निवेश से जुड़े नियमों को तोड़ने का आरोप लगाया है और फेमा कानून के तहत शिकायत दर्ज की है। जांच में कहा गया है कि मिंत्रा और उससे जुड़ी कंपनियों ने अपने काम को 'थोक कैश एंड कैरी' बताया, लेकिन असल में वे मल्टी-ब्रांड रिटेल कारोबार कर रही थीं, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों के खिलाफ है।
आरोप
गलत जानकारी देकर नियम तोड़ने का आरोप
ED का कहना है कि मिंत्रा ने विदेशी निवेश की नीति को गलत तरीके से इस्तेमाल किया। FDI नीति के मुताबिक मल्टी-ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश केवल कुछ खास शर्तों पर ही किया जा सकता है, लेकिन मिंत्रा ने इन शर्तों से बचने के लिए गलत जानकारी दी और खुद को थोक कारोबारी बताया। ED इस मामले की पूरी जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई इसी जांच के आधार पर तय होगी।
अन्य
मिंत्रा ने ऐसे किया नियमों का उल्लंघन
मिंत्रा पर 1,654 करोड़ रुपये से ज्यादा के विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। ED के मुताबिक, मिंत्रा ने अपनी अधिकतर बिक्री वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक सहयोगी कंपनी के जरिये की, जिसने सीधे ग्राहकों को उत्पाद बेचे। एजेंसी का कहना है कि वेक्टर की स्थापना केवल इस उद्देश्य से की गई थी कि खुदरा लेनदेन को थोक कारोबार की तरह दिखाया जा सके और FDI प्रतिबंधों से बचा जा सके।