
टैरिफ का असर: भारत का अमेरिका को निर्यात घटा, अगस्त में 16.3 प्रतिशत की आई कमी
क्या है खबर?
अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर दिखने लगा है। भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाली वस्तुओं में भारी कमी आई है। अगस्त में भारत ने अमेरिका को कुल 6.7 अरब डॉलर की वस्तुएं निर्यात कीं, जबकि जुलाई में ये आंकड़ा 8 अरब अमेरिकी डॉलर था। ये इस साल एक महीने में निर्यात में आई सबसे बड़ी गिरावट है। थिंक टैंक GTRI ने ये जानकारी दी है।
आंकड़े
टैरिफ के चलते किस तरह घटता गया निर्यात?
GTRI के मुताबिक, जून की तुलना में जुलाई में निर्यात 3.6 प्रतिशत घटकर 8 अरब डॉलर रह गया था। वहीं, जून में भी मई की तुलना में 5.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। मई में कुल निर्यात 8.8 अरब डॉलर रहा था। इस साल केवल मई ही ऐसा महीना था, जिसमें निर्यात में वृद्धि हुई थी। मई में अप्रैल की तुलना में निर्यात 4.8 प्रतिशत बढ़कर 8.8 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। अप्रैल में निर्यात 8.4 अरब डॉलर था।
बयान
निर्यात में गिरावट का सीधा संबंध टैरिफ से -GTRI
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, "निर्यात में गिरावट टैरिफ से जुड़ी है। 5 अप्रैल से अमेरिका ने 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया, लेकिन इसका असर कम हुआ, क्योंकि आयातकों ने अग्रिम खरीदी की। हालांकि, जून तक लगातार 10 प्रतिशत टैरिफ और असमंजस ने भारत की मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता को कम करना शुरू कर दिया। इससे ऑर्डर वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की ओर स्थानांतरित हो गए, जिससे निर्यात में लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट आई। जुलाई में गिरावट और बढ़ गई।"
सितंबर
सितंबर में और गिर सकता है निर्यात
GTRI का मानना है कि सितंबर में निर्यात में और गिरावट आ सकती है, क्योंकि यह पहला महीना होगा, जो पूरी तरह से 50 प्रतिशत टैरिफ के दायरे में आएगा। श्रीवास्तव ने कहा, "परिधान, रत्न और आभूषण, चमड़ा, झींगा और कालीन जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्र गंभीर दबाव में हैं, क्योंकि उनके वैश्विक निर्यात का 30-60 प्रतिशत या इससे ज्यादा हिस्सा अमेरिका को जाता है। दवाइयों और स्मार्टफोन पर टैरिफ नहीं लगा है यानी इन वस्तुओं पर प्रभाव कहीं ज्यादा गहरा है।"
टैरिफ
पूरे साल लागू रहा 50 प्रतिशत टैरिफ तो कितना नुकसान होगा?
GTRI के अनुसार, अगर वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 50 प्रतिशत टैरिफ लागू रहता है, तो भारत को अमेरिकी निर्यात में 30-35 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। यह बड़ा झटका होगा, क्योंकि भारत के माल निर्यात में अमेरिका का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है। श्रीवास्तव ने कहा, "त्वरित राहत के बिना टैरिफ की यह लंबी दीवार नौकरियों के नुकसान का कारण बन सकती है और 2026 तक इसके समग्र व्यापार प्रदर्शन को कमजोर कर सकती है।"
चर्चा
व्यापार वार्ता के लिए भारत आई हुई है अमेरिकी टीम
टैरिफ संकट के बीच भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका का प्रतिनिधिमंडल दक्षिण-मध्य एशिया के सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि और मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के साथ एक दिवसीय दौरे पर भारत आया है। 16 सितंबर को दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई है। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौता कृषि और डेयरी को लेकर अटका हुआ है। दोनों देशों में अब तक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है।