
#NewsBytesExplainer: मनी गेमिंग पर प्रतिबंध से लाखों नौकरियां खतरे में, सरकार को भी नुकसान; जानें असर
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने 20 अगस्त को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया था। कुछ ही घंटों में ये लोकसभा से पारित हुआ और अगले ही दिन राज्यसभा ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी। 22 अगस्त को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही विधेयक कानून बन गया। 3 दिन के इन घटनाक्रमों ने भारत में लाखों लोगों के रोजगार पर असर डाला तो सरकार को भी नुकसान हुआ। आइए जानते हैं कानून का क्या-क्या असर होगा।
कानून
कानून का किन-किन प्लेटफॉर्म पर पड़ा असर?
कानून में ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाने का प्रावधान है। इसके दायरे में वे सभी गेमिंग प्लेटफॉर्म हैं, जो पैसे या फीस देकर गेम खिलाते हैं और बदले में जीतने पर बढ़ी हुई राशि या किसी तरह का दूसरा वित्तीय फायदा देते हैं। यानी फैंटेसी स्पोर्ट्स गेम्स, ऑनलाइन रमी, कार्ड गेम्स, पोकर प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन टीम बनाकर सीधा पैसा लगाने वाले सभी प्लेटफॉर्म बंद हो गए हैं।
रोजगार
2 लाख लोगों की नौकरियों पर खतरा
गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि जल्दबाजी में लगाए गए प्रतिबंध के कारण ड्रीम11, MPL, जूपी, पेटीएम फर्स्ट गेम्स, गेम्स24x7, जंगली गेम्स और अड्डा52 जैसी कंपनियों को रातोंरात रियल-मनी गेमिंग का परिचालन बंद करना पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस इंडस्ट्री से लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार मिला था, जिनके सामने अब घर चलाने का संकट है। कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने नियमित पेशे की तरह गेम खेलते थे।
सरकार
सरकार को 20,000 करोड़ के टैक्स का नुकसान
ये इंडस्ट्री सालाना सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाती थी। सरकार को ये नुकसान भी हुआ है। हालांकि, सरकार का कहना है कि सरकार का कहना है कि ऐसे गेमों के चलते लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई मामलों में लोगों की इन गेमों की आदत लग गई और वे भारी राशि हार गए। इसके बाद कुछ लोगों ने तो आत्महत्या तक कर ली। इसी के बाद ये कदम उठाया गया है।
अन्य नुकसान
ये नुकसान भी हुए
नौकरियां जाने के अलावा प्रतिबंध से इस इंडस्ट्री से जुड़े विज्ञापन और कंटेंट क्रिएटर्स पर भी असर पड़ना तय है। कानून में प्रावधान है कि रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करने पर इंफ्लुएंसर्स और एक्टर्स पर भी कार्रवाई होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिबंध के बाद खिलाड़ी डार्क वेब पर अनियमित गेम्स की ओर जा सकते हैं, जहां उनके साथ वित्तीय धोखाधड़ी और दूसरे नुकसान का जोखिम और ज्यादा बढ़ जाएगा।
प्रभावित
क्या कह रहे हैं प्रभावित लोग?
ड्रीम11 के एक कर्मचारी ने इंडिया टुडे से कहा, "सिर्फ नौकरियां ही नहीं गईं, बल्कि विशेषज्ञता भी चली गई है, जिसका अब कोई उपयोग नहीं रह गया है। मैंने अभी-अभी शादी की है, मेरे माता-पिता की इच्छा से 5 साल बाद, क्योंकि मैं पहले आर्थिक रूप से सुरक्षित होना चाहता था। इस तरह की अनिश्चितता को तब तक समझाना असंभव है, जब तक आप अपने करियर के रसातल को न देख लें।"
उपाय
कंपनियां क्या वैकल्पिक उपाय कर रही हैं?
ड्रीम 11 ने नी स्पोर्ट्ज ड्रिप और फैनकोड जैसे बिना रियल मनी वाले प्लेटफार्मों पर काम करना शुरू कर दिया है। ड्रीम स्पोर्ट्स ने ड्रीम मनी ऐप लॉन्च किया है, जिसमें सोना, FD निवेश और AI आधारित वित्तीय ट्रैकिंग की सुविधा है। कई कंपनियां दूसरे कदम भी उठा रही हैं, लेकिन ज्यादातर का बड़ा कारोबार रियल मनी का ही था। ऐसे में उनके लिए इसी पैमाने का दूसरा विकल्प खोजना काफी मुश्किल है।