फ्लिपकार्ट और अमेजन पर नियमों के उल्लंघन का आरोप, अधिकारियों को तलब कर सकती है सरकार
सरकार विदेशी निवेश कानूनों के उल्लंघन की जांच के तहत फ्लिपकार्ट और अमेजन के अधिकारियों को तलब करने की योजना बना रही है। इनसे जुड़े कुछ विक्रेताओं पर हाल ही में छापे मारे गए थे। आरोप है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन ने कुछ खास विक्रेताओं को प्राथमिकता देकर नियम तोड़े हैं। भारतीय नियमों के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियां इन्वेंट्री नहीं रख सकतीं, बल्कि केवल बाजार के रूप में काम कर सकती हैं। एजेंसी अब जब्त दस्तावेजों की समीक्षा कर रही है।
छापेमारी में हुई नियमों के उल्लंघन की पुष्टि
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही की छापेमारी में फ्लिपकार्ट और अमेजन द्वारा विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) पिछले 5 वर्षों में ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ विक्रेताओं के व्यापार डाटा की जांच करेगा। 2023 में भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में फ्लिपकार्ट की 32 प्रतिशत और अमेजन की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। जांच में पाया गया है कि दोनों कंपनियों का इन्वेंट्री पर नियंत्रण है और विक्रेता सिर्फ नाम के लिए हैं।
इसलिए निगरानी रखने की पड़ी जरूरत
2021 में रॉयटर्स की जांच में खुलासा हुआ था कि अमेजन नियमों के खिलाफ कुछ बड़े विक्रेताओं पर नियंत्रण रखता था। हाल ही में सरकार ने अमेजन के विक्रेता अप्पारियो पर छापेमारी की, जो कभी अमेजन का सबसे बड़ा विक्रेता था। अधिकारियों ने अप्पारियो के वित्तीय रिकॉर्ड और अमेजन के साथ उसके लेन-देन की जांच की। अमेजन और अन्य कंपनियों की इन प्रथाओं के कारण छोटे व्यापारियों को नुकसान हो सकता है, इसलिए इन पर निगरानी रखी जा रही है।