
जेनसोल और ब्लूस्मार्ट पर ED की नजर, मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर जांच शुरू
क्या है खबर?
जेनसोल इंजीनियरिंग और उससे जुड़ी ब्लूस्मार्ट कंपनी अब सरकार की कई एजेंसियों के निशाने पर हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना की जांच कर रहा है। वहीं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी कंपनी के अकाउंट्स और दस्तावेजों की स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
ED ने हाल ही में एक आरोपी शेयरधारक के पास मौजूद जेनसोल के कुछ शेयर जब्त किए हैं। जल्द ही एजेंसी सभी संबंधित पक्षों से जानकारी मांगेगी।
असर
ब्लूस्मार्ट के कामकाज पर गहरा असर
ब्लूस्मार्ट को लेकर जांच तब और तेज हो गई जब SEBI ने अनमोल सिंह जग्गी और उनके भाई को प्रतिभूति बाजार से दूर कर दिया।
आरोप है कि कंपनी ने निवेशकों से मिले फंड का इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया। इस वजह से ब्लूस्मार्ट की कैब सेवा दिल्ली और अन्य हिस्सों में रुक गई और ऐप पर वॉलेट भी बंद कर दिए गए।
एक समय ओला और उबर को टक्कर देने वाली कंपनी अब मुश्किलों में घिरी है।
सवाल
स्टार्टअप संस्कृति पर उठे सवाल
ब्लूस्मार्ट को 2019 में लॉन्च किया गया था और इसने बीपी वेंचर्स समेत कई बड़े निवेशकों से करोड़ों डॉलर की फंडिंग जुटाई थी।
2023 में इसका मूल्यांकन 2,100 करोड़ रुपये से ज्यादा बताया गया था। अब जेनसोल और ब्लूस्मार्ट एक साथ कई सरकारी एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं।
यह मामला देश के स्टार्टअप्स की पारदर्शिता और ईमानदारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है, खासकर जब निवेशकों का भरोसा सबसे जरूरी होता है।