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कार में कूलेंट कम होने का पता कैसे चलेगा और इससे क्या नुकसान होता है?

कार में कूलेंट कम होने का पता कैसे चलेगा और इससे क्या नुकसान होता है?

Dec 23, 2020
06:20 pm

क्या है खबर?

कार का सही से काम करना उसके पार्ट्स और उसमें दी गई अन्य चीजों पर निर्भर करता है। इंजन के अलावा भी अन्य चीजें जैसे कूलेंट आदि का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है। कूलेंट के कम होने से कार की परफॉर्मेंस के साथ-साथ अन्य पार्ट्स भी प्रभावित होते हैं। हमने यहां कूलेंट कम होने से कार में आने वाली दिक्कतों के साथ-साथ यह भी बताया है कि आप कैसे पता लगा सकते हैं कि कूलेंट कम है या नहीं।

इंजन

बीच रास्ते में बंद पड़ सकता है इंजन

किसी भी कार के लिए इंजन उसके दिल की तरह होता है। उसके बंद हो जाने पर कार का काम करना नामुमकिन है। कई लोगों को गलता है कि कूलेंट कम होने से इंजन पर कोई असर नहीं पड़ता है और ऐसी स्थिति में भी वे कार चलाते रहते हैं। इन लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि कूलेंट कम होने पर ड्राइव करने से इंजन अधिक गर्म हो जाता है और अचानक से बंद हो जाता है।

अन्य पार्ट्स

इंजन और कार के अन्य पार्ट्स खराब हो सकते हैं

आजकल कारों में नई टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है। जिस कारण कूलेंट कम होने से इंजन अपने-आप बंद हो जाता है और तब तक काम नहीं करता, जब तक उसमें पर्याप्त कूलेंट न भरा जाए। इससे इंजन के अन्य पार्ट्स के खराब होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि कूलेंट न होने पर इंजन अधिक गर्म होता है और इस वजह से इंजन और कार के अन्य पार्ट्स खराब हो सकते हैं।

ईँधन

अधिक ईँधन की होती है खपत

कम कूलेंट होने से ड्राइव करने पर अधिक ईंधन की खपत होता है। जानकारी के लिए बता दें कि यदि इंजन सही तापमान में अच्छा परफॉर्म करता है और इससे ईँधन की खपत कम होती है। वहीं, कूलेंट कम होने पर इंजन अधिक गर्म होगा और इससे उसकी परफॉर्मेंस में भी कमी आएगी। इससे वह अधिक ईंधन की भी खपत करेगा। इसलिए कूलेंट की पर्याप्त मात्रा न होने पर कार चलानी नहीं चाहिए।

जानकारी

कैसे लगाएं कूलेंट के कम होने का पता?

कुछ लोगों को पता ही नहीं चलता है कि कार में पर्याप्त कूलेंट नहीं है। इस कारण वे अनजाने में अपना नुकसान कर लेते हैं। लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि अगर कार का हीटर ठीक काम नहीं कर रहा है तो इसका मतलब है कि कूलेंट कम है। इसके साथ ही कूलेंट कम होने से इंजन गर्म होता है और केबिन में एक बदबू आने लगती है। ऐसे आसानी से कूलेंट कम होने का पता लगाया जा सकता है।