देश में वाहनों के लिए कितने प्रकार और रंगों की नंबर प्लेट्स का होता है उपयोग?
सड़क पर चलने के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन होना बहुत जरूरी होता है। इसके बाद उसे एक नंबर प्लेट मिलती है। इसके बिना चलने वाले वाहनों पर जुर्माना लगता है। नंबर प्लेट कई प्रकार की होती हैं। कोई नबंर प्लेट पीले रंग की होती है तो किसी पर पीले रंग से नंबर लिखें होते हैं। कौन सी नंबर प्लेट किस प्रकार की कारों पर लगती है और उसका क्या मतलब होता है, यह जानने के लिए नीचे पढ़ें।
क्या होती है नंबर प्लेट?
सबसे पहले तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी वाहन पर लगने वाली नंबर प्लेट पर अंकों के अलावा अक्षर भी लिखे होते हैं। यह जिले के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) द्वारा वाहनों के लिए उपलब्ध कराई जाती है और यह उसके आगे और पीछे दोनों तरफ लगी होती है। किसी भी वाहन की नंबर प्लेट ही उसकी पहचान होती है और उससे यह जान सकते हैं कि यह किसका वाहन है।
राज्य और जिले के लिए नंबर प्लेट पर होते हैं अलग-अलग कोड
नंबर प्लेट पर सबसे पहले IND लिखा होता है, जो देश का कोड है। इसके बाद पहले दो अक्षर राज्य को दर्शाते हैं। जहां वह वाहन रजिस्टर्ड होगा। उसके बाद के दो अंक जिस जिले में वाहन रजिस्टर्ड होता है, उसका कोड होता है।
उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (HSRP)
1 अप्रैल, 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों पर उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (HSRP) लगवाना अनिवार्य है। इस नंबर प्लेट को एल्युमिनियम से बनाया जाता है। इस पर होलोग्राम स्टीकर लगा होता है, जिस पर वाहन का इंजन और चेसिस नंबर लिखा होता है। नंबर को प्लेट पर प्रेशर मशीन से लिखा जाता है। इसको मिटाया नहीं जा सकता। इस प्लेट को एक पिन द्वारा वाहन से जोड़ा जाता है, जो दोनों तरफ से लॉक होता है।
सफेद और पीले रंग की नंबर प्लेट
ज्यादातर वाहनों पर सफेद रंग की नंबर प्लेट लगी होती है और उस पर काले रंग से नंबर लिखा होता है। इस तरह की प्लेट प्राइवेट या नॉन कमर्शियल वाहनों पर लगाई जाती है। इस नंबर प्लेट वाले वाहनों का उपयोग कमर्शियल वाहनों के तौर पर नहीं कर सकते हैं। वहीं, कमर्शियल वाहन जैसे टैक्सी, ट्रकों और कैब्स आदि के लिए पीले रंग की प्लेट का उपयोग होता है, जिस पर काले रंग से नंबर लिखा होता है।
लाल रंग की नंबर प्लेट
लाल रंग की नंबर प्लेट RTO द्वारा किसी भी कंपनी के नए वाहन को एक टेम्परेरी नंबर प्लेट के तौर पर एक महीने के लिए दी जाती है। हालांकि, भारत के सभी राज्यों में लाल रंग की नंबर प्लेट वाले वाहनों को सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं है। इसमें सफेद रंग से नंबर लिखा होता है। इसके अलावा भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों की कारों पर भी लाल रंग की नंबर प्लेट लगी होती है।
हरे और काले रंग की प्लेट
हरे रंग की प्लेट खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए होती है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिक बसों और कारों आदि के लिए होता है। इस पर नंबर सफेद रंग से लिखे होते हैं। इसके अलावा एक काले रंग की नंबर प्लेट होती है, जिस पर पीले रंग से नंबर लिखे होते हैं। इस प्रकार की प्लेट का उपयोग किराये पर ली गई कारों के लिए होता है। इसके अलावा लग्जरी होटल की कारों पर भी यह नंबर प्लेट लगी होती है।
सैन्य वाहनों के लिए होती है यह विशेष प्लेट
इसके अलावा ऊपर की ओर तीर वाले निशान की नंबर प्लेट का उपयोग सैन्य वाहनों के लिए होता है। यह रक्षा मंत्रालय द्वारा वाहनों को उपलब्ध कराई जाती है। इस पर पहले या तीसरे अंक की जगह ऊपर की ओर इशारा करते हुए तीर का निशान लगा होता है। तीर के बाद के पहले दो अंक यह बताते हैं कि सेना ने इस वाहन को किस साल में खरीदा था। इसका नंबर 11 अंकों का होता है।
नीले रंग की नंबर प्लेट
नीले रंग की नंबर प्लेट का इस्तेमाल विदेशी राजनयिकों की गाडियों पर होता है। इस पर राज्य के कोड की जगह उस देश का कोड लिखा होता है, जहां कि ये कारें होती हैं। इस पर सफेद रंग से नंबर लिखा होता है।