#NewsBytesExplainer: अप्रवासियों की संख्या में कटौती क्यों कर रहा है कनाडा, भारतीयों पर क्या होगा असर?
कनाडा ने अपनी आव्रजन नीति में अहम बदलावों का ऐलान किया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हम अगले 2 सालों में कनाडा आने वाले अप्रवासियों की संख्या में कमी करने जा रहे हैं। कनाडा में आवास की कमी, सामाजिक बुनियादी ढांचे पर बोझ और आव्रजन नीतियों को लेकर बड़े वर्ग की नाराजगी के बाद उठाए गए इस कदम का भारतीयों पर भी असर पड़ना तय है। आइए जानते हैं क्या बदलने जा रहा है।
नीति में क्या बदलाव कर रहा है कनाडा?
कनाडा के आव्रजन मंत्रालय ने पहले 2025 और 2026 में 5-5 लाख नए स्थायी निवासियों को देश में बसने देने की योजना बनाई थी। अब इसमें कटौती की गई है। अब 2025 में 3.95 लाख और 2026 में 3.80 लाख लोगों को देश में बसने की अनुमति दी जाएगी। पहले 2027 में 4.85 लाख लोगों को अनुमति देने की योजना थी, लेकिन अब इसे घटाकर 3.65 लाख कर दिया गया है।
फैसले के पीछे वजह क्या है?
दरअसल, कनाडा में महंगाई, स्वास्थ्य सेवा में गिरावट और घरों की कमी अहम मुद्दा है। स्थानीय निवासी इसके पीछे बाहर से आने वाले लोगों को जिम्मेदार मानते हैं। चुनावों से पहले आप्रवासन के मुद्दे पर जनता की राय बदल रही है, जो ट्रूडो के लिए अच्छे संकेत नहीं है। सरकार का कहना है कि आप्रवासन में कटौती से 2027 तक कनाडा के आवास आपूर्ति अंतर को 6,70 लाख यूनिट तक कम किया जा सकता है।
कनाडा की बढ़ती जनसंख्या है वजह?
कनाडा की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी ने कहा कि जनसंख्या 2023 से 2024 तक 3.2 प्रतिशत बढ़ी है, जो 1957 के बाद सबसे बड़ी सालाना बढ़ोतरी है। जनसंख्या वृद्धि में बाहर से आकर रहने वाले अप्रवासियों का योगदान भी है। सांख्यिकी कनाडा ने कहा कि 2021 तक अधिकांश अप्रवासी एशिया और मध्य-पूर्व के थे। हालांकि, इसके बाद आने वाले लोगों में ज्यादा हिस्सेदारी अफ्रीका के लोगों की थी। फिलहाल हर 5 में एक अप्रवासी भारत में जन्मा है।
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने किया 'कनाडा फर्स्ट' नीति का ऐलान
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने ऐलान किया कि 2025 से विदेशी अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती के लिए नियम सख्त कर दिए जाएंगे। उन्होंने इसे 'कनाडा फर्स्ट' नाम दिया है। उन्होंने कहा कि कनाडाई कंपनियों को नौकरी में कनाडाई नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी और विदेशी कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर नौकरी पर रखने से पहले बताना होगा कि उन्हें कनाडा का योग्य नागरिक नहीं मिला। हालांकि, ट्रूडो ने इस फैसले को अस्थायी बताया है।
फैसले का क्या होगा असर?
इस फैसले से अस्थायी निवासी भी प्रभावित होंगे, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय छात्र भी शामिल हैं। कनाडा का लक्ष्य 2026 के अंत तक विदेशी श्रमिकों और छात्रों सहित अस्थायी निवासियों के अनुपात को कनाडा की आबादी के 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना है। इसके लिए अगले 3 सालों में वीजा की संख्या कम की जाएगी। स्टडी वीजा में करीब 3 लाख, स्नातकोत्तर कार्य परमिट में 1.75 लाख और वैवाहिक ओपन वर्क परमिट में 1.50 लाख की कटौती होगी।
भारतीयों पर क्या होगा असर?
2023 में कनाडा में भारतीय अस्थायी कामगारों की संख्या सबसे ज्यादा थी। कुल 1.83 लाख अस्थायी कर्मचारियों में से 27,000 भारतीय थे। इसके अलावा कनाडा में पढ़ाई और नौकरी के इच्छुक भारतीय छात्रों पर भी प्रभाव पड़ना तय है। छात्रों को कनाडाई विश्विद्यालयों में प्रवेश के लिए कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। वहीं, कामगारों को काम ढूंढने में चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा, क्योंकि कंपनियां स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देगी।