
ईरान पर हमलों के बीच कहां हैं सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई?
क्या है खबर?
ईरान के खिलाफ युद्ध में इजरायल के साथ अमेरिका भी शामिल हो गया है। आज अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया है। ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, लेकिन इस बीच सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आ रहे हैं। इजरायल ने उनकी हत्या की धमकी दी है। कहा जा रहा है कि वे एक भूमिगत बंकर में शरण लिए हुए हैं।
रिपोर्ट
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर बंकर में हैं खामेनेई- रिपोर्ट
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई ने कथित तौर पर एक सुरक्षित भूमिगत बंकर में शरण ली हुई है। संभावित हत्या के प्रयासों से बचने के लिए बंकर में सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर दिए गए हैं। यही वजह है कि हमलों के कई घंटों बाद तक उनका कोई सार्वजनिक बयान सामने नहीं आया है। खामेनई ने आखिरी बार 18 जून को ईरानी जनता को संबोधित किया था।
उत्तराधिकारी
खामेनेई ने 3 उत्तराधिकारी नामित किए
खामेनेई ने अपने 3 संभावित उत्तराधिकारी नामित किए हैं। इनमें अलीरेजा अराफी, अली असगर हेजाजी और हासिम हुसैनी बुशहरी के नाम शामिल हैं। खामेनेई ने अपने बेटे मोजतबा को संभावित उत्तराधिकारियों में शामिल नहीं किया है, जो पहले पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। बता दें कि ईरान में नए सर्वोच्च नेता के चयन की जिम्मेदारी 88 सदस्यीय विशेषज्ञ सभा के पास है। 1989 में खामेनेई की नियुक्ति के वक्त केवल एक ही बार इसका इस्तेमाल हुआ है।
परिचय
कौन हैं खामेनेई द्वारा नामित किए गए उत्तराधिकारी?
अलीरेजा अराफी वरिष्ठ मौलवी और विशेषज्ञ सभा के सदस्य हैं। यही सभा अगले सर्वोच्च नेता को चुनने का काम करती है। वे कोम में ईरान के शीर्ष धार्मिक मदरसा के प्रमुख भी हैं। असगर हेजाजी खामेनेई के राजनीतिक सुरक्षा मामलों की जिम्मेदार हैं। वे ईरान की खुफिया जानकारी के प्रबंधन की देखरेख भी करते रहे हैं। बुशेहरी वरिष्ठ मौलवी और विशेषज्ञों की सभा के उपाध्यक्ष हैं। वह कोम सेमिनरी सोसाइटी के अध्यक्ष हैं, जिनकी नियुक्ति सीधे खामेनेई ने की है।
खामेनेई
खामेनेई ने अमेरिका को दी थी चेतावनी
18 जून को खामेनेई ने कहा था, "इजरायल ने ईरान की वायु सीमा का उल्लंघन कर 'गंभीर गलती' की है, जिसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिकियों को यह पता होना चाहिए कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा और अगर अमेरिका की सेना की तरफ से किसी तरह की दखलअंदाजी हुई, तो अंजाम बुरा होगा। ईरान, ईरानी राष्ट्र और उसके इतिहास को जानने वाले बुद्धिमान लोग इस राष्ट्र से कभी भी धमकी भरी भाषा में बात नहीं करेंगे।"