
आयतुल्ला अली खामेनेई के बाद कौन होगा ईरान का सुप्रीम लीडर? सामने आए ये नाम
क्या है खबर?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कहा था कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या से संभवतः दोनों देशों के बीच चले आ रहे तनाव का अंत हो जाएगा।
इसके बाद इजरायली रक्षा मंत्री ने भी कहा था कि खामेनेई का भी वही हश्र हो सकता है, जो सद्दाम हुसैन का हुआ था।
इन बयानों के बाद खामेनेई के उत्तराधिकारी को लेकर कई चर्चाएं चल रही हैं।
आइए जानते हैं कौन-कौन दावेदार हैं।
मुजतबा खामेनेई
खामेनेई के बेटे मुजतबा खामेनेई
मुजतबा खामेनेई अयातुल्ला खामेनेई के दूसरे बेटे हैं और उत्तराधिकारी की दौड़ में संभवतः सबसे आगे हैं। 1969 में जन्मे मुजतबा के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और ईरान के मौलवी प्रतिष्ठान से गहरे संबंध हैं।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्हें नेतृत्व के लिए तैयार किया जा रहा है।
हालांकि, खामेनेई का बेटा होना उनकी राह में रोड़ा बन सकता है, क्योंकि वंशानुगत उत्तराधिकार को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
अलीरेजा अराफी
अलीरेजा अराफी
अलीरेजा अराफी वरिष्ठ मौलवी और विशेषज्ञ सभा के सदस्य हैं। यही सभा अगले सर्वोच्च नेता को चुनने का काम करती है।
वे कोम में ईरान के शीर्ष धार्मिक मदरसा के प्रमुख भी हैं। उनकी राजनीतिक और धार्मिक दोनों तबकों में गहरी पहुंच मानी जाती है।
अराफी को खामेनेई का भी बेहद करीबी माना जाता है और वे अपने रूढ़िवादी विचारों और इस्लामिक गणराज्य की मूल विचारधारा के प्रति वफादारी के लिए भी जाने जाते हैं।
अली असगर हेजाजी
अली असगर हेजाजी और मोहम्मद गोलपायेगानी
अली असगर हेजाजी खामेनेई के राजनीतिक सुरक्षा मामलों की जिम्मेदार हैं। वे ईरान की खुफिया जानकारी के प्रबंधन की देखरेख भी करते रहे हैं। रक्षा और रणनीति के मामलों में उनकी भूमिका अहम होती है।
मोहम्मद गोलपायेगानी लंबे समय से खामेनेई के चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर तैनात हैं। उन्हें खामेनेई का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है।
कुशल प्रशासक गोलपायेगानी को ईरानी प्रशासनिक व्यवस्था के काम करने के तरीके का जानकार माना जाता है।
बुशेहरी
अयातुल्ला हाशेम होसैनी बुशेहरी और रेजा पहलवी
अयातुल्ला हाशेम होसैनी बुशेहरी वरिष्ठ मौलवी हैं और विशेषज्ञों की सभा के उपाध्यक्ष हैं। वह कोम सेमिनरी सोसाइटी के भी अध्यक्ष हैं, जिनकी नियुक्ति सीधे खामेनेई ने की है।
उनकी धार्मिक और राजनीतिक मामलों में गहरी भागीदारी और खामेनेई से नजदीकी उन्हें संभावित उत्तराधिकारी बनाती है।
रेजा पहलवी अंतिम सम्राट मोहम्मद रेजा शाह पहलवी के निर्वासित पुत्र हैं। हाल के दिनों में वे विपक्षी समूहों और ईरानी प्रवासी समुदाय के बीच लोकतांत्रिक ईरान के समर्थक के रूप में उभरे हैं।