#NewsBytesExplainer: इजरायल युद्ध के दौरान गाजा में किन-किन विवादास्पद हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है?
क्या है खबर?
इजरायल-हमास युद्ध 86वें दिन में प्रवेश कर चुका है। हाल में एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने स्वीकार किया है कि गाजा पट्टी में मघाजी शरणार्थी शिविर पर हमले के लिए अनुचित हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिसमें कम से कम 90 लोग मारे गए थे।
यह पहला मौका नहीं है, जब इजरायल पर युद्ध के दौरान प्रतिबंधित और विवादास्पद हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लग रहे हैं।
आइए जानते हैं कि गाजा युद्ध में किन-किन विवादास्पद हथियारों का इस्तेमाल हुआ है।
डंब बम
डंब बम
'डंब बम' उन विस्फोटकों को संदर्भित करता है, जो निर्देशित नहीं होते। इनका प्रभाव अत्यधिक होता है और ये जहां गिरते हैं, वहीं नुकसान करते हैं।
अल जजीरा के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने अपने शोध में पाया है कि इजरायली बलों द्वारा गाजा में आबादी वाले इलाकों में बमबारी के लिए इस्तेमाल किए गए लगभग आधे विस्फोटक 'डंब बम' थे। ये कम सटीक होते हैं और इनसे नागरिकों के हताहत होने का अधिक जोखिम रहता है।
बंकर बस्टर बम
बंकर बस्टर बम
इजरायल ने अमेरिकी सेना द्वारा बंकर नष्ट करने के बनाए BLU-109 विस्फोटक का जमकर इस्तेमाल किया है।
ये बम 900 किलोग्राम से अधिक वजनी हो सकते हैं और अमेरिका ने अफगानिस्तान के साथ युद्ध में इसका इस्तेमाल किया था। विस्फोट होने से पहले ये मजबूत सतह को भेद सकते हैं।
इजरायल ने युद्ध की शुरुआत के बाद से गाजा में अमेरिकी हथियारों में शामिल ऐसे BLU-109, MK-82, GBU-39 जैसे कई विनाशकारी बमों का इस्तेमाल किया है।
JDAMs
GPS से लैस JDAMs
इजरायल ने गाजा युद्ध में लगभग 3,000 ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन (JDAMs) का इस्तेमाल किया है। यह डंब बम को सटीक-निर्देशित हथियार यानी 'स्मार्ट बम' में बदलने के लिए GPS तकनीक से लैस अमेरिकी तकनीक है।
अक्टूबर में इजरायल ने इससे गाजा पट्टी में 2 घरों पर बमबारी की थी, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई थी।
सैन्य विश्लेषक एलिजा मैग्नियर ने बताया कि इजरायल ने पहले भी व्यापक तौर पर सटीक हमलों के लिए इसका इस्तेमाल किया है।
सफेद फास्फोरस
सफेद फास्फोरस
सफेद फास्फोरस रासायनिक हथियारों में आता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र (UN) ने प्रतिबंधित श्रेणी में रखा है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट्स में इजरायल पर गाजा और लेबनान में सफेद फास्फोरस बम के इस्तेमाल के आरोप लगाया है।
ये हवा के संपर्क में आते ही जलने लगता है और आसपास की पूरी ऑक्सीजन सोख लेता है। इसकी वजह से लोगों की दम घुटकर मौत हो जाती है। इसके फटने पर तापमान 800 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
भूख
भूख
इस युद्ध में इजरायल ने भूख को भी ने एक बड़ा हथियार बना रहा है।
UN ने अपने बयान में कहा है कि इजरायल जानबूझकर युद्ध प्रभावितों तक भोजन सामग्री पहुंचने से रोक रहा है और इसके कारण एक बड़ी आबादी भुखमरी के कगार पर है।
इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अगर इजरायल-हमास के बीच युद्ध जारी रहा तो फरवरी की शुरुआत तक गाजा पट्टी के लोगों को अकाल का सामना करना पड़ सकता है।
युद्ध
युद्ध में अब तक 22,800 से अधिक लोगों की मौत
इजरायल-हमास युद्ध में अब तक 21,600 से अधिक फिलीस्तिनियों की मौत हो चुकी है। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले में 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
इसके बाद इजरायली बलों की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में लगातार फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा रहे हैं, जिनमें 10,000 से अधिक बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।
गाजा पट्टी में 19 लाख से अधिक लोग युद्ध के कारण विस्थापित हुए हैं और 7,000 से अधिक लापता हैं।