
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों पर किए हवाई हमले, 24 की मौत; डोनाल्ड ट्रंप ने दी चेतावनी
क्या है खबर?
अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले किए हैं, जिनमें अभी तक 24 लोगों की मौत हो गई। ये कार्रवाई लाल सागर में हूतियो द्वारा जहाजों पर हो रहे हमलों के विरोध में की गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि उन्होंने अमेरिका की सेना को यमन में हूती आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक और शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है।्बेड
बयान
ट्रंप बोले- हूतियों का समय खत्म
ट्रंप ने लिखा, 'कोई आतंकवादी ताकत अमेरिकी जहाजों को स्वतंत्र रूप से चलने से नहीं रोक पाएगी। हमारे बहादुर युद्धक शिपिंग, वायु और नौसैनिक संपत्तियों की रक्षा करने और नौवहन स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं। हुतियों का समय समाप्त हो गया है और उन्हें आज से ही हमले बंद करने होंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर नरक की ऐसी बारिश होगी, जैसी पहले कभी नहीं देखी होगी।'
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें हमले का वीडियो
Breaking FAFO: U.S. Central Command releases footage of precision strikes on Houthi targets in Yemen, targeting Iran-backed militants. Video shows aircraft launching from USS Harry S. Truman in the Red Sea, hitting Sana’a and coastal sites on March 15, 2025. pic.twitter.com/RTKwMhwpv7
— Dustin Kunz 🇺🇸 (@DustinKunz0420) March 16, 2025
हमले
हमलों पर हूतियों ने क्या कहा?
हूती विद्रोहियों ने सना और सऊदी अरब की सीमा पर सादा में हवाई हमले होने की सूचना दी।
उन्होंने होदीदा, बायदा और मारिब प्रांतों में भी हवाई हमले होने की जानकारी दी।
हूतियों के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सना में 9 और सादा में 15 लोगों की मौत हुई है और 24 अन्य घायल हुए हैं।
हूती मीडिया कार्यालय के उप प्रमुख नसरुद्दीन आमेर ने कहा कि हवाई हमले उन्हें रोक नहीं पाएंगे और वे जवाबी कार्रवाई करेंगे।
हूती
कौन हैं हूती विद्रोही?
हूती संगठन की नींव 1990 के दशक में हुसैन बदरद्दीन अल-हूती ने रखी थी, जिनका संबंध यमन के शिया बहुल समुदाय से था। इसका नेतृत्व हूती जनजाति करती है और ये देश में शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा संगठन है।
2015 में हूतियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दरब्बुह मंसूर हादी को देश छोड़ भागना पड़ा।
फिलहाल यमन के बड़े हिस्से पर हूतियों का कब्जा है।
वजह
जहाजों पर क्यों हमले कर रहे हैं हूती?
इजरायल-हमास युद्ध में हूती विद्रोही हमास का समर्थन कर रहे हैं। वे लाल सागर में जहाजों पर हमला कर इजरायल को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की मंशा रखते हैं। उनका कहना है कि हमलों का उद्देश्य गाजा और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करना है।
हूती अब तक कम से कम 60 हमलों को अंजाम दे चुके हैं। इस वजह से वैश्विक व्यापार पर काफी असर पड़ा है। हालांकि, गाजा में युद्धविराम के बाद हूतियों ने हमले बंद कर दिए हैं।