
अमेरिका ने परमाणु समझौते के बदले ईरान को दिए निवेश और प्रतिबंधों में ढील जैसे प्रस्ताव
क्या है खबर?
अमेरिका ईरान के साथ बीते कई दिनों से परमाणु समझौते को लेकर बातचीत कर रहा था। हालांकि, इस बातचीत के दौरान ही इजरायल और ईरान के बीच युद्ध शुरू हो गया। अब खबर है कि अमेरिका ने ईरान को परमाणु समझौते के बदले में करोड़ों रुपये के निवेश और प्रतिबंधों में ढील जैसे कई प्रस्ताव दिए थे। इसके बदले में अमेरिका की शर्त थी कि ईरान को यूरेनियम का संवर्धन पूरी तरह रोकना होगा।
प्रस्ताव
अमेरिका ने रखे ये प्रस्ताव
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान के साथ पर्दे के पीछे बातचीत की है और कई प्रस्ताव पेश किए हैं। अमेरिकी प्रस्तावों में ईरान को असैन्य परमाणु कार्यक्रम के लिए 30 अरब डॉलर तक का निवेश उपलब्ध कराना, प्रतिबंधों में ढील देना और ईरानी सरकार को विदेशों में जमा अरबों डॉलर की धनराशि तक पहुंच की अनुमति देना शामिल है। एक अधिकारी ने बताया कि निवेश का पैसा अमेरिका से नहीं, बल्कि खाड़ी के साझेदार देशों से आएगा।
परमाणु
परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका ने की ये पेशकश
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान को प्रलोभन दिया है कि वह परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह त्याग दे और बिना संवर्धन क्षमता वाला असैन्य परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ाए। प्रस्ताव में ये भी शामिल था कि अमेरिका समर्थित खाड़ी देश नागरिक परमाणु कार्यक्रम के लिए फोर्दो परमाणु स्थल के स्थान पर गैर-संवर्धन परमाणु स्थल बना सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्य-पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरान को निम्न-स्तरीय परमाणु संवर्धन की अनुमति देने की पेशकश की थी।
वार्ता
अमेरिका-ईरान के बीच 5 दौर की हुई थी वार्ता
इजरायली हमले से पहले अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर 5 दौर की बैठक हो चुकी थी। ओमान इसकी मध्यस्थता कर रहा था। हालांकि, इजरायली हमले के बाद ईरान ने कहा है कि अब वार्ता का कोई मतलब नहीं है। वहीं, ट्रंप ने दावा किया है कि दोनों पक्ष अगले हफ्ते फिर वार्ता के लिए मिलेंगे, लेकिन ईरान की ओर से ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
रुख
समझौते को लेकर अमेरिका और ईरान का क्या रुख है?
अमेरिका ने कहा है कि वो किसी भी कीमत पर ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं चाहता है। ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने कहा था, "ट्रंप ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं। यह ईरान का यूरेनियम संवर्धन है, यह शस्त्रीकरण है और यह एक रणनीतिक मिसाइल कार्यक्रम है।" ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल नागरिक उद्देश्यों के लिए है और वो परमाणु हथियार विकसित नहीं कर रहा है।