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अमेरिका: अब प्रवासियों का वर्क परमिट अपने आप नहीं होगा रिन्यू, भारतीयों पर क्या होगा असर?
अमेरिका ने प्रवासी कामगारों से जुड़ा एक और नियम बदल दिया है

अमेरिका: अब प्रवासियों का वर्क परमिट अपने आप नहीं होगा रिन्यू, भारतीयों पर क्या होगा असर?

लेखन आबिद खान
Oct 30, 2025
12:37 pm

क्या है खबर?

अमेरिका ने प्रवासी कामगारों के लिए नया नियम लागू किया है, जिससे देश में उनके काम करने और रुके रहने पर बड़ा असर पड़ सकता है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने प्रवासी श्रमिकों के रोजगार प्राधिकरण दस्तावेजों (EAD) के अपने आप नवीनीकरण को खत्म कर दिया है। इससे पहले प्रवासी EAD की समयसीमा खत्म होने के बाद भी आवेदन लंबित रहने तक कानूनी रूप से काम कर सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

नियम

क्या नियम बदले गए हैं?

DHS ने एक बयान में कहा, "जो विदेशी 30 अक्टूबर, 2025 को या उसके बाद अपने EAD के नवीनीकरण के लिए आवेदन करते हैं, उन्हें अब अपने EAD का स्वतः विस्तार नहीं मिलेगा। EAD के स्वचालित विस्तार को खत्म करने से अमेरिका में काम करने के लिए रोजगार प्राधिकरण के लिए आवेदन करने वाले विदेशियों की ज्यादा बार जांच होगी।" हालांकि, 30 अक्टूबर से पहले स्वतः विस्तारित EAD पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश पर उठाया गया कदम

USCIS के निदेशक जोसेफ एडलो ने कहा कि यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर लिया गया है, ताकि विदेशी नागरिकों की बेहतर जांच हो सके। उन्होंने कहा, "यह एक सामान्य समझ का कदम है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी विदेशी का वर्क परमिट बढ़ाने से पहले उसकी पूरी जांच पूरी हो चुकी है। प्रवासियों के लिए अमेरिका में काम करना एक अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है।"

मायने

क्या हैं बदलाव के मायने?

अमेरिका में EAD यानी वर्क परमिट प्रवासियों को अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है। पुराने नियमों के मुताबिक, कर्मचारी 540 दिन तक नौकरी जारी रख सकते थे, जब तब उनके नवीनीकरण आवेदन अनुमोदन के लिए लंबित रहते थे। अब अगर किसी व्यक्ति का नवीनीकरण उसकी वर्तमान EAD की अवधि खत्म होने से पहले स्वीकृत नहीं होता है, तो उसे तुरंत काम करना बंद कर देना होगा। हालांकि, कुछ सीमित अपवाद रहेंगे।

भारतीय

भारतीयों पर क्या होगा असर?

इस कदम का भारतीयों पर बड़ा असर होगा, जो प्रवासी कामगारों का एक बड़ा हिस्सा हैं और पहले से ही ग्रीन कार्ड और वीजा मामलों में उलझे हुए हैं। मैनिफेस्ट लॉ में आव्रजन कानून के वरिष्ठ वकील हेनरी लिंडपेरे ने कहा, "यह नियम अमेरिका में रोजगार प्राधिकरण नवीनीकरण के तरीके में बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। जिन श्रेणियों से जुड़े भारतीयों का असर पड़ेगा, उनमें OPT पर छात्र, H-4 जीवनसाथी और ग्रीन कार्ड आवेदक शामिल हैं।"

अन्य कदम

प्रवासियों पर लगातार सख्ती बरत रहा अमेरिका

अमेरिकी प्रशासन अवैध अप्रवासियों के साथ ही वीजा और नौकरी से जुड़े नियम लगातार सख्त कर रहा है। अमेरिका ने कई भारतीयों समेत हजारों अवैध प्रवासियों को जबरन उनके देश भेज दिया है। इसके अलावा H-1B वीजा की फीस भी एक लाख डॉलर कर दी है। कंपनियों को अमेरिकी लोगों को नौकरी में वरीयता देने को कहा गया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ये कदम अमेरिकी नौकरियों की रक्षा करने के लिए उठाए गए हैं।