
अमेरिका के H-1B वीजा पर नए शुल्क को लेकर भारत का बयान, कहा- बातचीत जारी है
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H1-B वीजा के लिए 1 लाख डॉलर (करीब 86 लाख रुपये) का शुल्क निर्धारित किए जाने के बाद भारत में हलचल मची हुई है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत संबंधित हितधारकों के साथ जुड़ा रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय दूतावास ट्रंप प्रशासन के संपर्क में है और विभिन्न स्तरों पर बातचीत जारी है।
बयान
मंत्रालय ने क्या कहा?
प्रवक्ता ने कहा, "मैं समझता हूं कि उद्योग सहित सभी हितधारकों के पास वीजा शुल्क को लेकर अपनी टिप्पणियां देने के लिए एक महीने का समय है। जैसा कि हमने पहले कहा, कुशल प्रतिभाओं की गतिशीलता और आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत में प्रौद्योगिकी विकास, नवाचार, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। हम उद्योग सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ संपर्क में रहेंगे और आशा करते हैं कि कारकों पर उचित विचार किया जाएगा।"
बैठक
क्या जयशंकर और रुबियो के बीच वीजा मुद्दे पर बात हुई?
मंत्रालय से पत्रकार ने पूछा कि न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो के साथ 22 सितंबर को हुई बैठक में क्या वीजा का मुद्दा उठाया गया? इस पर प्रवक्ता ने बताया, "बैठक में वाणिज्य मंत्रालय और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के साथ दोनों पक्षों के अधिकारी शामिल थे, जिसमें चर्चा का मुख्य विषय व्यापार, टैरिफ और द्विपक्षीय संबंध थे।" इस दौरान वीजा को लेकर क्या बात हुई, इस पर जानकारी नहीं दी गई है।
आदेश
क्या है H-1B वीजा को लेकर अमेरिका का नया आदेश?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 सितंबर को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है, जिसमें H-1B वीजा आवेदनों के लिए अब 1 लाख डॉलर का भुगतान करना होगा। इससे टेक कंपनियों समेत भारतीय कर्मचारियों में खलबली मच गई। हालांकि, अब अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वार्षिक शुल्क केवल नए H-1B वीजा आवेदनों पर लागू होगा। मौजूदा धारकों या नवीनीकरण पर यह शुल्क लागू नहीं होगा। बता दें कि 71-72 प्रतिशत H-1B वीजा भारतीयों को प्राप्त हैं।