अफगानिस्तान: तालिबान ने कारी फतेह समेत इस्लामिक स्टेट के 2 कमांडरों को मारा, कश्मीरी आतंकी शामिल
अफगानिस्तान की तलिबान सरकार का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने कुछ दिन पहले राजधानी काबुल में एक अभियान के दौरान इस्लामिक स्टेट के दो प्रमुख कमांडरों को मार गिराया। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों में से एक इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) का खुफिया और सैन्य प्रमुख कारी फतेह है, जबकि दूसरा कश्मीरी आतंकी एजाज अहमद अहंगर है। ISKP इस्लामिक स्टेट का एक अफगान सहयोगी और तालिबान का एक प्रमुख विरोधी संगठन है।
कारी फतेह ने काबुल में हुए कई हमलों की रची थी साजिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कारी फतेह कथित तौर पर ISKP का मुख्य रणनीतिकार था। उसने काबुल में रूसी, पाकिस्तानी और चीनी राजनयिक मिशनों और मस्जिदों में हुए कई हमलों की साजिश रची थी। तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस कार्रवाई में इस्लामिक स्टेट हिंद प्रांत (ISHP) के पहले प्रमुख और दक्षिणी अफगानिस्तान में ISKP के एक वरिष्ठ नेता एजाज अहमद अहंगर उर्फअबू उस्मान अल-कश्मीरी और उसके दो साथियों के मारे जाने की भी पुष्टि की है।
भारत ने एजाज अहमद अहंगर को घोषित किया था आतंकी
कश्मीर में जन्मे खूंखार आतंकवादी एजाज को भारत ने इस साल जनवरी में आतंकी घोषित किया था। उसकी कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में संलप्तिता रही है। अफगान खुफिया विभाग ने मार्च, 2020 में आत्मघाती बम विस्फोट के मास्टरमाइंड के रूप में एजाज की पहचान की थी। एजाज को भारत के लिए ISHP भर्ती सेल के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। वह 14 फरवरी को तालिबान के साथ संघर्ष में मारा गया।
IKSP ने आतंकी हमले की दी थी धमकी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने मई, 2022 में कारी तुफैल उर्फ कारी फतेह को ISKP के सैन्य प्रमुख के तौर पर चिन्हित किया था। कारी इससे पहले नांगरहार में ISKP के कब्जे के दौरान पूर्वी क्षेत्र का कमांडर रह चुका था। हाल में ISKP ने अफगानिस्तान में भारत, चीन और ईरान के दूतावासों पर भी आतंकी हमले की धमकी दी थी। इसे लेकर UNSC की ओर से अलर्ट जारी किया गया था।
अफगानिस्तान में सक्रिय हैं 3,000 आतंकी- रिपोर्ट
UNSC के अलर्ट के बाद से तालिबान सरकार की ओर से अभियान चलाकर इस्लामिक स्टेट के स्थानीय संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है और यहां आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई जारी है। अमेरिकी खुफिया विभाग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के जुड़े संगठनों के 3,000 आतंकी सक्रिय हैं। अगस्त, 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने और अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से यहां आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं।