थाईलैंड की कोर्ट ने प्रधानमंत्री श्रेष्ठा थाविसिन को पद से हटाया, नैतिकता से जुड़ा है मामला
थाईलैंड में बुधवार को अप्रत्याशित घटनाक्रम में प्रधानमंत्री श्रेष्ठा थाविसिन को संवैधानिक कोर्ट ने पद से बर्खास्त कर दिया। उनके ऊपर कैबिनेट में पूर्व वकील को नियुक्त करने का आरोप था। रॉयटर्स के मुताबिक, कोर्ट ने 5-4 के बहुमत से फैसला सुनाया कि जेल की सजा काट चुके दोषसिद्ध वकील पिचित चुएनबान को कैबिनेट में शामिल करके नियमों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंत्री की नियुक्ति में कोई नैतिकता और ईमानदारी नहीं दिखाई।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए क्या कहा?
न्यायाधीश पुन्या उदचचोन ने फैसला सुनाते हुए कहा कि श्रेष्ठा को पिचित की नियुक्ति करते समय पता होगा कि उन्हें 2008 में दोषी ठहराया गया था। पुन्या ने कहा कि पिचित की नियुक्ति से पता चलता है कि श्रेष्ठा में कोई ईमानदारी नहीं है और उन्होंने नैतिक मूल्यों का हनन किया है। न्यायमूर्ति पुन्या ने कोर्ट का फैसला पढ़ते हुए कहा कि संविधान के तहत प्रधानमंत्री का पद समाप्त किया जाता है।
थाईलैंड में राजनीतिक चिंता बढ़ी, पूरी कैबिनेट बर्खास्त
थाई कोर्ट के आदेश के बाद थाईलैंड में राजनीतिक चिंता बढ़ गई है क्योंकि प्रधानमंत्री को हटाने से पूरी कैबिनेट बर्खास्त हो गई है और अब संसद को नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठक करनी होगी। बता दें कि थाईलैंड में पिछले 2 दशक से तख्तापलट और कोर्ट के फैसलों के कारण कई सरकारें और राजनीतिक दल गिर चुके हैं। पिछले हफ्ते कोर्ट ने सत्ता विरोधी मूव फॉरवर्ड पार्टी को भंग कर दिया, जो लोकप्रिय विपक्ष बताया जाता है।
कौन हैं विवादित वकील पिचित चुएनबान, जिनकी नियुक्ति से प्रधानमंत्री पर गिरी गाज
पिचित चुएनबान अरबपति पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन के परिवार से जुड़े वकील हैं। मैनचेस्टर सिटी के पूर्व मालिक पिचित राज्य के रूढ़िवादी समर्थक राजतंत्रवादी और सैन्य समर्थक अभिजात वर्ग के लंबे समय से विरोधी हैं। पिचित को 2008 में भ्रष्टाचार से जुड़े अपराध के लिए 6 महीने की जेल की सजा हुई थी। उन्होंने श्रेष्ठा को बचाने के लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सेन समर्थित पार्टियों के समझौता करने से कुछ महीने पहले सरकार बनाई थी।