तमिल नेता पाझा नेदुमारन का सनसनीखेज दावा- जिंदा है लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण
तमिल राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता पाझा नेदुमारन ने सोमवार को दावा किया कि प्रतिबंधित संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल एलम (लिट्टे) का प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरण जिंदा और पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने कहा, "लिट्टे प्रमुख की मौत की अफवाहों पर विराम लगाने का समय आ गया है। जल्द वह सबके सामने आकर तमिल लोगों की मुक्ति के लिए एक बड़ी घोषणा करेंगे।" बता दें कि श्रीलंका की सरकार ने 14 साल पहले प्रभाकरण को मृत घोषित किया था।
नेदुमारन ने तमिल लोगों से एकजुट होने का किया आह्वान
नेदुमारन ने कहा, "मुझे एक सच्चाई का खुलासा करने में खुशी हो रही है, जो प्रभाकरण के बारे में संदेह को दूर करेगी। हम सभी तमिल लोगों को बताना चाहेंगे कि प्रभाकरण स्वस्थ और ठीक हैं और दुनिया के सभी तमिल लोगों को एक साथ उनका समर्थन करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि 'तमिल एलम' एक प्रस्तावित स्वतंत्र देश है और श्रीलंका में रहने वाले कई तमिल अल्पसंख्यक इसे नए देश में रूप में देखने की इच्छा रखते हैं।
नेदुमारन ने श्रीलंका में चीन की दखल को लेकर चेताया
नेदुमारन ने कहा कि श्रीलंका में आज चीन ने अपने पैर जमा लिए हैं और वह भारत को श्रीलंका के दुश्मन के रूप में पेश कर रहा है, जबकि लिट्टे हमेशा भारत के दुश्मनों के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को भी चीन के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने तमिलनाडु सरकार, तमिल राजनेताओं और तमिल एलम के समर्थकों से भी प्रभाकरण का साथ देने की अपील की।
कौन है प्रभाकरण?
प्रभाकरण श्रीलंका के अलगाववादी संगठन लिट्टे का प्रमुख था और उसने लिट्टे का नेतृत्व करते हुए इसे दुनिया की सबसे खूंखार गुरिल्ला सेना बना दिया था। प्रभाकरण ने एक अलग तमिल राष्ट्र की मांग को लेकर श्रीलंका सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 18 मई, 2009 को सरकार ने प्रभाकरण की मौत की आधिकारिक घोषणा की थी। इसमें कहा गया था कि उत्तरी मुलैथिवु जिले के मुल्लईवैक्कल में प्रभाकरण को श्रीलंका की सेना ने मार दिया है।
श्रीलंकाई सरकार से क्यों लड़ रहा था प्रभाकरण?
दरअसल, श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यक हैं और लिट्टे तमिल विद्रोहियों का संगठन था। इस संगठन की मांग थी कि श्रीलंका से अलग एक तमिल राष्ट्र बनाया जाए। साल 1976 में लिट्टे ने विलिकाडे में नरसंहार कर अपनी हिंसक मौजूदगी दर्ज कराई थी और 80 के दशक में यह आतंकी संगठन बहुत मजबूत हो गया था। हालांकि, प्रभाकरण की मौत के बाद श्रीलंका में सालों से चला आ रहा गृह युद्ध खत्म हो गया था।
लिट्टे ने की थी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की साल 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती बम विस्फोट में हत्या कर दी गई थी। लिट्टे ने यह हत्या कराई थी और उस पर श्रीलंका में भी अन्य हत्याओं को अंजाम देने के आरोप लगे थे।