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सीरिया: 2 दिन में 1,000 लोगों की हत्या, सुन्नी और अलावी समुदाय में क्यों छिड़ी जंग?
सीरिया में हिंसा में करीब एक हजार लोगों की मौत हो गई है

सीरिया: 2 दिन में 1,000 लोगों की हत्या, सुन्नी और अलावी समुदाय में क्यों छिड़ी जंग?

लेखन आबिद खान
Mar 09, 2025
09:57 am

क्या है खबर?

सीरिया में एक बार फिर खूनी संघर्ष बढ़ता जा रहा है। वहां बीते 2 दिनों से अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थक और सुरक्षाबलों के बीच भीषण झड़प हो रही है, जिसमें करीब एक हजार लोगों की मौत हो गई है। ये बीते 14 साल में सीरिया में हुई सबसे भीषण हिंसा है। युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, हिंसा की शुरुआत सीरिया के तटीय शहर जबलेह से हुई, जो धीरे-धीरे अन्य जगहों पर फैल गई।

मृतक

मृतकों में 745 नागरिक

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि मृतकों में 745 नागरिक शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश को करीब से गोली मारी गई है। इसके अलावा 125 सरकारी सुरक्षाकर्मी और असद से जुड़े सशस्त्र समूहों के 148 आतंकवादी भी शामिल हैं। हिंसा का शिकार हुए अलावी समुदाय के लोगों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि समुदाय के कई लोगों के घरों में लूटपाट की गई और फिर उनमें आग लगा दी गई।

वजग

क्यों हो रही है हिंसा?

दरअसल, सीरिया में अलावी समुदाय को असद का करीबी और वफादार माना जाता है। असद के शासन में अलावी लोगों को सेना और प्रशासन में ऊंचे पदों पर तैनात किया गया था। अब असद का शासन खत्म होने के बाद सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारी अलावी लोगों को निशाना बना रहे हैं। गुरुवार को एक वांछित व्यक्ति को सुरक्षाबल गिरफ्तार करने गए तो असद समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क उठी।

सरकार

सरकार का क्या कहना है?

सरकार ने कहा है कि सरकारी सुरक्षाबल असद की सेना के बचे हुए लोगों के हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा अस्थायी रूप से रुक गई है और सरकार ने अधिकांश क्षेत्रों पर नियंत्रण वापस पा लिया है। सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए तटीय क्षेत्र की ओर जाने वाली सभी सड़कें बंद कर दी हैं। लातकिया शहर के आसपास बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।

गांव

सड़कों पर बिखरे पड़े शव- स्थानीय निवासी

हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित कस्बों में से एक बनियास के निवासियों ने कहा कि शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे। बनियास के 57 वर्षीय निवासी अली शेहा ने कहा, "एक मोहल्ले में जहां अलावी रहते थे, वहां 20 लोगों की हत्याएं की गईं, उनमें से कुछ को दुकानों में या उनके घरों में मारा गया। शव सड़कों पर पड़े थे। बंदूकधारी 100 मीटर से भी कम दूरी पर थे, घरों और निवासियों पर गोलीबारी कर रहे थे।"

महिलाएं

महिलाओं को नग्न कर घुमाने की भी खबरें

प्रत्यक्षदर्शियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि महिलाओं को कथित तौर पर नंगा करके सड़कों पर घुमाया गया और फिर गोली मारकर हत्या कर दी गई। हिंसा से बचने के लिए लोग लेबनान की ओर भाग रहे हैं। कुछ ने रूस के हमीमिम एयरबेस में शरण ली है। लेबनान के अलावी विधायक हैदर नासेर ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अलावी लोगों की रक्षा करनी चाहिए, जो अपने देश के प्रति वफादार सीरियाई नागरिक हैं।"