रूस: पुतिन के सबसे बड़े आलोचक और विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की जेल में मौत
रूस में चुनाव से पहले विपक्ष के एक बड़े नेता की मौत की खबर है। जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई है। रूसी मीडिया रिपोर्ट्स में देश के जेल विभाग के हवाले से ये जानकारी दी गई है। बता दें कि नवलनी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सबसे बड़ा आलोचक माना जाता था। 47 वर्षीय नवलनी को एक मामले में 19 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
मौत के कारणों की जांच जारी- TAAS
रूस के यमालो-नेनेट्स जिले की जेल सेवा ने एक बयान में कहा, "शुक्रवार को टहलने के बाद नवलनी को अस्वस्थ महसूस हुआ, जिसके तुरंत बाद ही वे बेहोश हो गए।" रूस की समाचार एजेंसी TAAS ने बताया कि नवलनी की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। बता दें कि नवलनी को पिछले साल ही आर्कटिक कॉलोनी में स्थित जेल में भेजा गया था, जिसे रूस में सबसे कड़ी जेल माना जाता है।
नवलनी पर कई बार हुए जानलेवा हमले
नवलनी पर पहले कई बार जानलेवा हमले हुए हैं। 2017 में एक हमले में उनकी आंख में गंभीर चोट आई थी। 2020 में भी उन्हें जहर देने की कोशिश की गई थी। तब वे विमान में बेहोशी की हालत में पाए गए थे। उन्हें जहर देने का आरोप रूस की खुफिया एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (FSB) पर लगा था। इस घटना के बाद नवलनी कोमा में चले गए थे और जर्मनी में उनका इलाज हुआ था।
कौन थे नवलनी?
4 जून, 1976 को जन्मे नवलनी को पुतिन का कट्टर आलोचक माना जाता था। रूस में 2011-12 में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में नवलनी की अहम भूमिका रही थी। तब नवलनी ने भ्रष्टाचार, चुनावों में धोखाधड़ी और पुतिन प्रशासन में अनियमितताओं को उजागर किया था। 2013 में मॉस्को के मेयर पद के चुनाव में नवलनी को 27 प्रतिशत वोट मिले थे। हालांकि, इस दौरान सरकार उनके पीछे लगी रही और अलग-अलग मामलों में उन्हें कुल 30 साल की जेल हुई।
बेहद ठंडी जगह पर स्थित है जेल
नवलनी को जिस जेल में बंद रखा गया था, वो आर्कटिक क्षेत्र के ठीक ऊपर है। ये माॉस्को से करीब 2,000 किलोमीटर दूर है और यहां माइनस 28 डिग्री तक तापमान रहता है। इससे पहले खबर आई थी कि नवलनी कई दिनों तक जेल से गायब थे और वकीलों की भी उनसे बात नहीं हो पा रही थी। बता दें कि नवलनी को 2021 में जर्मनी से लौटने के बाद ही हिरासत में ले लिया गया था।
रूस में इस साल होने हैं राष्ट्रपति चुनाव
इस साल रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। आलोचक इन चुनावों की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि कई विपक्षी नेता या तो मारे जा चुके हैं या जेल में हैं। इस वजह से पुतिन का लगातार 5वीं बार राष्ट्रपति बनना लगभग तय है। पुतिन पर अपने विपक्षियों को मरवाने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले साल अगस्त में बगावत करने वाले वागनर समूह के मुखिया येवगेनी प्रिगोजिन की भी संदिग्ध विमान हादसे में मौत हो गई थी।