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रूस ने अमेरिका के साथ 38 साल पुरानी परमाणु संधि तोड़ी, क्या होगा असर?
रूस ने खुद को 38 साल पुरानी INF संधि से बाहर कर लिया है

रूस ने अमेरिका के साथ 38 साल पुरानी परमाणु संधि तोड़ी, क्या होगा असर?

लेखन आबिद खान
Aug 05, 2025
03:59 pm

क्या है खबर?

अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के नजदीक 2 परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने का आदेश दिया था। इसके जवाब में अब रूस ने भी बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका के साथ हुई 38 साल पुरानी इंटरमीडिएट-रेंज परमाणु बल (INF) संधि से खुद को अलग कर लिया है। अब रूस छोटी और मध्यम दूरी की परमाणु मिसाइलें तैनात कर सकेगा।

बयान

रूस ने क्या कहा?

रूस ने INF से बाहर निकलने के फैसले के पीछे 'पश्चिमी देशों की कार्रवाइयों' को वजह बताया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि संधि को बनाए रखने की शर्तें 'गायब' हो गई हैं और देश अब पिछले खुद की तरफ से लगाए प्रतिबंधों का पालन नहीं कर रहा है। रूस ने आरोप लगाया कि अमेरिका पहले ही यूरोप और एशिया में मध्यम दूरी की मिसाइलें तैनात कर चुका है।

संधि

क्या है INF संधि?

INF संधि अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच 1987 में हुई थी, जिस पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन और सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचोव ने हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत 500 से 5,500 किलोमीटर दूरी तक मार करने वाली जमीनी मिसाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद दोनों देशों ने 2600 से ज्यादा मिसाइलें नष्ट की थीं। हालांकि, 2019 में रूस पर शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाकर अमेरिका संधि से बाहर निकल गया था।

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असर

क्या होगा असर?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि संधि के टूटने से वैश्विक सुरक्षा ढांचे को भारी नुकसान होगा। रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने कहा, "यह एक नई वास्तविकता है, जिसे हमारे सभी विरोधियों को स्वीकार करना होगा। आगे के कदमों की उम्मीद करें।" हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि आगे क्या होगा, लेकिन ये नया कदम दोनों परमाणु संपन्न देशों में बढ़ते तनाव की ओर इशारा कर रहा है।

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पनडुब्बी

ट्रंप ने दिया था परमाणु पनडुब्बी तैनात करने का आदेश

हाल ही में ट्रंप ने रूस के नजदीकी इलाकों में 2 परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने का आदेश दिया था। इसके पीछे उन्होंने मेदवेदेव की भड़काऊ बयानबाजी को वजह बताया था। ट्रंप ने लिखा, 'रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव, जो अब रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं, के बेहद भड़काऊ बयानों के आधार पर, मैंने 2 परमाणु पनडुब्बियों को उपयुक्त क्षेत्रों में तैनात करने का आदेश दिया है, ताकि ये मूर्खतापूर्ण और भड़काऊ बयान ज्यादा न हों।'

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