डेल्टा वेरिएंट से अधिक घातक नहीं है ओमिक्रॉन- शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ
अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने मंगलवार को कहा कि शुरूआत सबूत संकेत देते हैं कि कोरोना वायरस का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा घातक नहीं है, बल्कि ये डेल्टा के मुकाबले कम घातक हो सकता है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि अभी इस पर ठोस डाटा उपलब्ध नहीं है और स्थिति स्पष्ट होने में कुछ हफ्ते और लग सकते हैं। उन्होंने ओमिक्रॉन को रोकने के लिए बूस्टर खुराक की सिफारिश भी की।
क्या बोले डॉ फाउची?
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी AFP के साथ इंटरव्यू में ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रमुख चरित्रों के बारे में बताते हुए डॉ फाउची ने कहा कि ओमिक्रॉन अभी दुनियाभर में सबसे ज्यादा हावी डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले अधिक संक्रामक है। गंभीरता के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये डेल्टा से अधिक घातक नहीं है, बल्कि शुरूआती संकेत हैं कि ये कम घातक हो सकता है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में मामलों और अस्पताल में भर्ती होने का अनुपात डेल्टा से कम है।
अधिक संक्रामक लेकिन कम घातक वेरिएंट अच्छी खबर- डॉ फाउची
डॉ फाउची ने कहा कि एक वायरस जो अधिक संक्रामक लेकिन कम घातक हो और मौतों में वृद्धि न करता हो, एक अच्छी खबर है। उन्होंने कहा, "सबसे बुरी स्थिति यह हो सकती है कि ये न केवल अधिक संक्रामक है, बल्कि अधिक घातक भी है। इससे संक्रमण की एक और लहर आ सकती है जो वैक्सीन और पूर्व संक्रमण से कमजोर नहीं होगी। मुझे नहीं लगता ऐसा होगा, लेकिन कह नहीं सकते।"
वैक्सीनेशन को चकमा दे सकता है ओमिक्रॉन, बूस्टर खुराक जरूरी- डॉ फाउची
डॉ फाउची ने कहा कि दुनियाभर से आ रहे डाटा से लगता है कि ओमिक्रॉन से पुनः संक्रमण का अधिक खतरा रहता है और ये वैक्सीनेशन से पैदा हुआ इम्युनिटी को मात दे सकता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं, उन्हें बूस्टर खुराक भी लगवाना चाहिए। डॉ फाउची ने कहा कि बूस्टर खुराक से एंटीबॉडीज के स्तर में बड़ी वृद्धि आती है और इससे इम्युनिटी बेहतर हो सकती है।
खतरनाक क्यों माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पकड़ में आए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं
46 देशों में पहुंच चुका है ओमिक्रॉन
ओमिक्रॉन अभी तक 46 देशों में पाया जा चुका है जिनमें भारत भी शामिल है। भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 23 मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार को मुंबई में इसके मामले पकड़ में आए। इससे पहले रविवार को दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान में इसके मामले सामने आए थे। कर्नाटक और गुजरात में भी इस नए वेरिएंट के मामले पकड़ में आ चुके हैं। बेंगलुरू में बिना किसी यात्रा रिकॉर्ड वाले डॉक्टर को भी संक्रमित पाया गया है।