नीदरलैंड: बलात्कार पीड़िता ने इच्छामृत्यु के जरिए किया जीवन का अंत, कहा- असहनीय है दर्द
क्या है खबर?
नीदरलैंड की एक 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता ने कई सालों तक मानसिक बीमारियों से संघर्ष करने के बाद इच्छामृत्यु के जरिए अपना जीवन खत्म कर लिया।
नोआ पोथोवन को कई यौन हमलों का सामना करना पड़ा था और उनका बलात्कार भी हुआ था, जिसके बाद से वह मानसिक तनाव और अवसाद से गुजर रही थीं।
उन्होंने इच्छामृत्यु से पहले इंस्टाग्राम पर एक भावुक संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि दर्द असहनीय है और अब वह खाली हो चुकी हैं।
जानकारी
करना पड़ा कई यौन हमलों का सामना
नोआ जब 11 वर्ष की थीं, तब एक स्कूल पार्टी के दौरान उन पर यौन हमला हुआ था। इसके 3 साल बाद दो लोगों ने उनका बलात्कार किया। उन्होंने इनसे उपजी मानसिक बीमारियों से खूब संघर्ष किया लेकिन अंत में हार मान ली।
इच्छामृत्यु का फैसला
नोआ ने कहा, आवेश में लिया गया फैसला नहीं
शनिवार को अपने आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट में नोआ ने लिखा कि यह कुछ लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन उन्होंने सोच-विचार कर कर फैसला लिया है।
उन्होंने लिखा, "अस्पताल में भर्ती होने की मेरी पोस्ट को देखते हुए कुछ लोगों के लिए यह चौंकाने वाला हो सकता है। लेकिन पिछले काफी समय से मेरी ये योजना थी और ये आवेश में लिया गया फैसला नहीं है।"
उन्होंने कहा कि वह सांस लेती हैं, लेकिन जिंदा नहीं।
बयान
'सालों लड़ने के बाद खाली हो चुकी हूं'
नोआ ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "मैं काफी समय से वास्तव में जिंदा नहीं हूं। अधिकतम 10 दिन के अंदर मैं मर जाऊंगी। कई सालों तक लड़ने के बाद मैं खाली हो चुकी हूं। मैंने कुछ समय से खाना-पीना छोड़ दिया है। कई चर्चाओं और मूल्यांकन के बाद मुझे जाने देने का फैसला लिया गया क्योंकि मेरा दर्द असहनीय हो गया है।"
नोआ ने रविवार को अपने घर पर चिकित्सक के सहयोग (इच्छामृत्यु) से अपनी अंतिम सांस ली।
जानकारी
अपने जीवन के संघर्ष पर नोआ ने लिखी आत्मकथा
नोआ ने नवंबर 2018 में अपने जीवन पर 'विनिंग ऑर लर्निंग' नाम से आत्मकथा भी लिखी थी, जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिल चुका है। इसमें उन्होंने बलात्कार और यौन हमलों के तनाव से खुद के संघर्ष के बारे में लिखा है।
परिवार
बेटी के इलाज के लिए इलेक्ट्रिक शॉक दिलाने को भी तैयार थे माता-पिता
आत्मकथा लिखने के एक महीने बाद ही नोआ ने बिना अपने माता-पिता की जानकारी के एक इच्छामृत्यु क्लिनिक से संपर्क किया।
उनके माता-पिता को अपनी बेटी की मानसिक हालात के बारे में तब पता चला, जब उन्हें नोआ के लिखे गए विदाई पत्र मिले।
इसके बाद उन्होंने हरसंभव कोशिश की और जहां तक कि इलेक्ट्रिक शॉक के जरिए इलाज के बारे में भी सोचा, लेकिन नोआ की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
इच्छामृत्यु
क्या और कैसे होती है इच्छामृत्यु?
इच्छामृत्यु में व्यक्ति किसी चिकित्सक की मदद से अपने जीवन का अंत कर सकता है।
नीदरलैंड में यह कानूनी तौर पर वैध है और 12 वर्ष से अधिक का कोई भी इंसान इच्छामृत्यु की अपील कर सकता है।
इसकी शुरूआत 2002 में हुई थी। संयोग से नोआ का जन्म भी इसी साल हुआ था।
16-17 साल के बच्चों को इच्छामृत्यु के लिए माता-पिता की मंजूरी की जरूरत नहीं होती, हालांकि निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनका शामिल होना अनिवार्य है।
जानकारी
भारत में गैर-कानूनी है इच्छामृत्यु
2017 में नीदरलैंड में 6,500 लोगों ने इच्छामृत्यु के जरिए अपने जीवन का अंत किया। इनमें लाइलाज कैंसर के मरीज सबसे अधिक थे। बता दें कि भारत में इच्छामृत्यु गैरकानूनी है और इस पर जब-तब बहस होती रहती है।