
नेपाल हिंसा में अब तक 21 मौतें; सेना ने मोर्चा संभाला, पूरे देश में रात्रि कर्फ्यू
क्या है खबर?
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी आंदोलन में अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है। 2 दिनों के हिंसक प्रदर्शनों ने नेपाल में तख्तापलट कर दिया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफा देने के बाद भी हिंसा रुक नहीं रही है। बीती रात से सेना ने पूरे देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। सेना ने हिंसा और तोड़फोड़ करने वालों को सख्त चेतावनी दी है।
कर्फ्यू
नेपाल में आज रात से कल सुबह तक कर्फ्यू
सेना ने पूरे नेपाल में आज रात 10 बजे से कल सुबह 6 बजे तक के लिए कर्फ्यू लगाया जाएगा। सेना ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट, हमले और यौन उत्पीड़न के प्रयास किए हैं। सेना ने चेतावनी दी कि ऐसी हरकतों को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। सेना ने कहा कि राजनीतिक समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों के बीच चर्चा जारी है और नागरिकों की सुरक्षा के लिए वो प्रतिबद्ध है।
मांगें
प्रदर्शनकारियों ने रखी ये मांगें
जेन-जी आंदोलन ने अपनी मांगों में कहा है कि आंदोलन में मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाए और उनके परिवारों को सम्मान और सहायता दी जाए। आंदोलन ने प्रतिनिधि सभा को तत्काल भंग करने, नागरिकों की भागीदारी के साथ संविधान में संशोधन या पुनर्लेखन करने, निष्पक्ष चुनाव कराने, पिछले 30 वर्षों में अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की जांच और राष्ट्रीयकरण करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, सुरक्षा और संचार क्षेत्रों का पुनर्गठन करने की मांग की है।
बातचीत
प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच आज बातचीत
प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच आज बातचीत होगी। इसमें नेपाल के पूर्व राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल भी मौजूद रहेंगे। हालांकि, इसका समय सामने नहीं आया है। इस बैठक का उद्देश्य आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करना, नागरिक सरकार का गठन, संसद भंग करना और नए चुनाव कराना है। इस बैठक से पहले बीती रात राष्ट्रपति भवन में आंदोलन के प्रतिनिधियों और सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई थी।
भारत
भारत मामले पर रखा रहा कड़ी नजर- रिपोर्ट
इंडिया टुडे ने शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारतीय एजेंसियां नेपाल में भारत विरोधी भावनाओं के प्रसार को रोकने के लिए स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं। एजेंसियां भारतीय हितों के लिए किसी भी संभावित खतरे का पता लगाने और उसका मुकाबला करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर नजर रख रही हैं। अधिकारियों को आशंका है कि भारत के युवाओं में भी इस तरह के प्रदर्शन की भावना भड़क सकती है।
ट्विटर पोस्ट
नेपाल की सड़कों पर सेना तैनात है
#WATCH | Nepal: Visuals from Bhairawa this morning. Curfew remains in effect until further orders.
— ANI (@ANI) September 10, 2025
The Nepali PM KP Sharma Oli resigned yesterday amid demonstrations against the Government over alleged corruption. pic.twitter.com/SZkcrAFORi
अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- हिंसा हृदयविदारक है
नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने नेपाल के घटनाक्रम पर विस्तृत चर्चा की है। नेपाल में हिंसा हृदयविदारक है। इतने सारे युवाओं की मृत्यु से मुझे गहरा दुख हुआ है। नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि सर्वोपरि है। मैं नेपाल के सभी भाइयों और बहनों से विनम्रतापूर्वक शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील करता हूं।'