नेपाल में फिर भड़का युवाओं का प्रदर्शन, कई इलाकों में लगाया गया कर्फ्यू
क्या है खबर?
नेपाल में कुछ दिनों की शांति के बाद फिर हिंसक प्रदर्शन की खबरें हैं। एक बार फिर युवाओं क सड़क पर उतरने के बाद कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। बीती रात बारा जिले में युवाओं की पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी के समर्थकों से भिड़ंत हुई थी। इसके बाद यहां कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा हिंसक प्रदर्शनों के बाद सिमारा में भी कर्फ्यू लगाया गया है।
हिंसा
सिमारा हवाई अड्डे पर युवाओं की CPN-UML समर्थकों से भिड़ंत
बारा जिला प्रशासन ने बताया कि सिमारा हवाई अड्डे के 500 मीटर के दायरे में दोपहर 12.30 बजे से रात 8.00 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। बीते दिन यहां तब हिंसा भड़की थी, जब CPN-UML पार्टी के सचिव शंकर पोखरेल और युवा नेता महेश बसनेत काठमांडू से सिमारा आ रहे थे। उनका यहां सरकार विरोधी रैली को संबोधित करने की योजना थी। इसके बाद जेन जी प्रदर्शनकारी हवाई अड्डे पर इकट्ठा हो गए, जिनकी पार्टी समर्थकों से झड़प हो गई।
प्रदर्शनकारी
कैसे भड़की हिंसा?
स्थानीय महापौर राजन पौडेल ने द हिमालयन टाइम्स से बात करते हुए कहा, "युवा सिमारा में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए थे। जनरेशन जेड समूह बारा प्रमुख सम्राट उपाध्याय और अन्य लोग घटनास्थल पर थे। UML कार्यकर्ताओं ने सम्राट और अन्य लोगों की पिटाई कर दी। वे घायल हो गए, जिससे सिमारा में तनाव फैल गया। इसके बाद सिमारा के लोग जनरेशन जेड के युवाओं के समर्थन में सामने आए हैं। उन्हें पुलिस के सामने पीटा गया।"
बयान
अंतरिम प्रधानमंत्री ने की शांति की अपील
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने लोगों से अनचाहे राजनीतिक उकसावे से बचने, लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा करने और शांति अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा, "मैंने सुरक्षा एजेंसियों को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बहुत संयम और तैयारी के साथ काम करने का निर्देश दिया है। मैं सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करना चाहती हूं और चुनावों के लिए एक निष्पक्ष और डर-मुक्त माहौल बनाना चाहती हूं।"
हालात
अभी कैसे हैं हालात?
सिमारा में तनाव के बाद UML नेताओं का प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने केवल 2 UML कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, जिससे युवा प्रदर्शनकारियों में नाराजगी है। फिलहाल हालात काबू में बताए जा रहे हैं। बता दें कि इसी साल सितंबर में नेपाल में हिंसक जेन जी प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद ओली को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। फिलहाल अंतरिम सरकार नेपाल का कामकाज संभाल रही है।