मेक्सिको में न्यायाधीशों को चुनने के लिए होगा मतदान, विरोध के बीच दी गई मंजूरी
मेक्सिको ऐसा पहला देश बन गया है, जो अपने यहां सभी स्तर पर न्यायाधीशों को चुनने के लिए मतदान कराएगा। इसे बुधवार को सीनेट में भारी विरोध के बीच पारित किया गया। सीनेट में इसके लिए हुए मतदान में 86 वोट पक्ष में और 41 वोट विपक्ष में पड़े, जिससे सत्तारूढ़ मोरेना पार्टी और उसके सहयोगियों के प्रभुत्व वाले ऊपरी सदन में संविधान में संशोधन के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत प्राप्त हो गया। विधेयक के कारण विरोध-प्रदर्शन हो रहा है।
राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर की बड़ी जीत
विधेयक को राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर का समर्थन प्राप्त है, जिसके पारित होने पर इनकी बड़ी जीत बताई जा रही है। लोपेज का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त होगा। राष्ट्रपति ने मेक्सिको की सुप्रीम कोर्ट के साथ बार-बार टकराव के बाद सुधार के समर्थन में रहे, जिसने उनके 6 साल के कार्यकाल के दौरान ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र में उनके द्वारा प्रस्तावित कुछ बदलावों को अवरुद्ध कर दिया था। कई विपक्षी सांसदों ने भी समर्थन में वोट किया।
देश भर में विधेयक के खिलाफ विरोध शुरू
विधेयक पारित होने के बाद देशभर में इसका विरोध शुरू हो गया है, जिसमें न्यायालय के कर्मचारी और कानून के छात्र बडे़ पैमाने पर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि विधेयक के पारित होने के बाद स्थानीय, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों सहित सभी न्यायाधीशों का चुनाव लोकप्रिय वोट से किया जाएगा। 2025 या 2027 में करीब 1,600 न्यायाधीशों को चुनाव लड़ना होगा। ह्ययून राइट वॉच ने भी इसे घातक बताया है।