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इजरायल ने ईरान में ही ड्रोन बेस बनाया, हथियारों की तस्करी की; जानें कैसे किया हमला
इजरायल सालों से ईरान पर हमले की रणनीति बना रहा था

इजरायल ने ईरान में ही ड्रोन बेस बनाया, हथियारों की तस्करी की; जानें कैसे किया हमला

लेखन आबिद खान
Jun 13, 2025
07:47 pm

क्या है खबर?

इजरायल ने ईरान के कम से कम 6 परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इसमें कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इसके लिए इजरायल ने 200 से ज्यादा विमानों का इस्तेमाल किया है। अब सामने आया है कि इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए सालों से इस हमले की तैयारी कर रहा था। इसमें वायुसेना, सेना और साथ ही खुफिया एजेंसी मोसाद भी शामिल रही थी।

ड्रोन

इजरायल ने ईरान के भीतर ही ड्रोन बेस बनाए

टाइम्स ऑफ इजरायल ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि हमले के लिए इजरायल ने तेहरान के पास एक ड्रोन बेस स्थापित किया था। हमले से ठीक पहले रातों-रात इन ड्रोन को सक्रिय कर दिया गया। इन्होंने ईरान की सतह से सतह पर वार करने वाले मिसाइल लॉन्चरों को तबाह कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले को कई सालों की योजना के बाद अंजाम दिया गया है।

हथियार

इजरायल ने ईरान में की हथियारों की तस्करी

इजरायल ने हमले के लिए सटीक हथियार प्रणालियों और कमांडो को ईरान भेजा। इन्हें पहले वाहनों में भरा और फिर तस्करी कर ईरान की सीमा में भेजा गया। इजरायल के हवाई हमले से पहले इन प्रणालियों ने ईरान की वायु रक्षा को नष्ट कर दिया और इजरायली विमानों को निर्बाध हमले की पूरी आजादी दी। इसी दौरान मोसाद के कमांडो ने मध्य ईरान में विमान-रोधी स्थलों के पास सटीक मिसाइलों को तैनात किया।

ट्विटर पोस्ट

हमले के दौरान विमान में हवा में ही ईंधन भरा गया

बयान

हमले के बारे में सेना ने क्या बताया?

इजरायली सेना ने कहा, "इजरायली लड़ाकू विमानों ने दर्जनों मिसाइल लांचर, भंडारण सुविधाएं और अतिरिक्त सैन्य स्थलों को नष्ट कर दिया, जिसमें पश्चिमी ईरान में शिपिंग कंटेनरों के अंदर छिपा हुआ एक गुप्त प्रक्षेपण प्रणाली भी शामिल है। यह ऑपरेशन सटीक खुफिया जानकारी पर आधारित था और इसका उद्देश्य एक बड़े खतरे को बेअसर करना था। ईरान के मिसाइल शस्त्रागार में हजारों किलोमीटर की रेंज `वाले हथियार शामिल हैं, जो क्षेत्र और पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा करते हैं।"

नुकसान

हमलों में ईरान को कितना नुकसान हुआ?

इजरायल ने ईरान के तेहरान, तबरीज, करमानशाह, अराक, नतांज और इस्फाहान में हमले किए हैं। इसमें 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मृतकों में सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी, रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के कमांडर इन चीफ हुसैन सलामी, IRGC की वायु सेना के कमांडर जनरल घोलामाली राशिद, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के पूर्व प्रमुख फेरीदून अब्बासी समेत कई वैज्ञानिक और शीर्ष कमांडर शामिल हैं।