
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को खुली धमकी दी; कहा- अब सौदा करना चाहिए, समय दिया
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली बलों द्वारा ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु स्थलों को निशाना बनाने के बाद बयान दिया है।
उन्होंने अपना बयान सोशल मीडिया ट्रुथ पर साझा किया है, जो एक तरह से ईरान को परमाणु कार्यक्रम बंद करने के लिए खुली धमकी दी है।
उन्होंने कहा है कि अब ईरान को समझौता कर लेना चाहिए, इससे पहले की बहुत दे हो जाए।
बयान
क्या बोले ट्रंप?
ट्रंप ने ट्रुथ पर लिखा, 'मैंने ईरान को सौदा करने के लिए कई मौके दिए। मैंने उन्हें सबसे सख्त शब्दों में कहा बस करो, लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वे कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, वे इसे पूरा नहीं कर पाए। मैंने उनसे कहा कि यह उनके द्वारा ज्ञात, प्रत्याशित या बताई गई किसी भी चीज़ से कहीं ज़्यादा बुरा होगा कि अमेरिका दुनिया में सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है।'
बयान
आने वाले समय में बहुत कुछ होगा- ट्रंप
ट्रंप ने आगे लिखा, 'इजरायल के पास इसका बहुत ज़्यादा भंडार है, और आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा और वे इसका इस्तेमाल करना जानते हैं। कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला है। वे सभी अब मर चुके हैं, और यह और भी बदतर होगा! पहले से ही बहुत ज्यादा मौतें और विनाश हो चुका है।'
सौदा
ईरान को सौदा कर लेना चाहिए- ट्रंप
ट्रंप ने लिखा, 'इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमले और भी ज़्यादा क्रूर होंगे। ईरान को सौदा करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे, और जो कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था उसे बचाना चाहिए। अब और मौत नहीं, और विनाश नहीं। बस करो, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। भगवान आप सभी का भला करे!'
याद
60 दिन का दिया अल्टीमेटम
ट्रंप ने ट्रुथ पर एक दूसरे पोस्ट में लिखा, 'दो महीने पहले मैंने ईरान को समझौता करने के लिए 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था। उन्हें यह करना चाहिए था! आज 61वां दिन है। मैंने उन्हें बताया था कि क्या करना है, लेकिन वे वहां तक नहीं पहुंच पाए। अब उनके पास शायद दूसरा मौका है!'
इस पोस्ट के जरिए ट्रंप ने ईरान को एक बार फिर समझौता करने के लिए समय दिया है।
हमला
इजरायल के हमले में मारे गए ईरान के बड़े नेता
इजरायली बलों ने शुक्रवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान में परमाणु स्थलों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।इस दौरान घातक बमबारी हुई।
हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल हुसैन सलामी मारे गए हैं।
उनके अलावा ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहंदी तेहरांची, फेरेदून अब्बासी और ईरान के सेना प्रमुख मोहम्मद बाघेरी समेत कुछ अन्य परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
इजरायली हमलों के बाद ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन दागे।
विवाद
अमेरिका का ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर विवाद
ईरान ने 2015 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के 5 स्थायी सदस्यों के साथ परमाणु संधि की थी। इसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) या ईरान परमाणु समझौता कहा जाता है।
समझौते से ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध हटे थे और ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को कम करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण की अनुमति दी थी।
2018 में ट्रंप ने समझौता तोड़ दिया, लेकिन ईरान रूस-चीन के करीब आया और मजबूत हुआ।
अब ट्रंप दोबारा से यह समझौता चाहते हैं।
ट्विटर पोस्ट
ट्रंप का बयान व्हाइट हाउस ने साझा किया
FROM PRESIDENT DONALD J. TRUMP:
— The White House (@WhiteHouse) June 13, 2025
“I gave Iran chance after chance to make a deal…” pic.twitter.com/lsCQHkyT2f
जानकारी
अमेरिकी विदेश मंत्री हमलों में अमेरिका की भूमिका को नकार चुके हैं
इजरायल के ईरान पर किए गए हमलों के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपना बयान साझा करते हुए कहा था कि यह इजरायल का एकतरफा हमला है और इसमें अमेरिका शामिल नहीं है। उन्होंने ईरान को चेतावनी भी दी थी।