इमरान खान ने की थी सेना प्रमुख जनरल बाजवा को बर्खास्त करने की कोशिश- रिपोर्ट
शनिवार को अपनी सत्ता गंवाने से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को बर्खास्त करने की कोशिश की थी। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इससे संबंधित नोटिस जारी नहीं किया और पाकिस्तान एक बड़े संकट से बच गया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी दी है। पाकिस्तानी सेना ने बयान जारी कर इन रिपोर्ट्स को खारिज किया है। इमरान सरकार ने भी इन खबरों को गलत बताया है।
इमरान ने दिया था एक वरिष्ठ अधिकारी की बर्खास्तगी का निर्देश- रिपोर्ट
BBC उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने शनिवार देर रात एक वरिष्ठ अधिकारी की बर्खास्तगी का निर्देश जारी किया था। रिपोर्ट में इस अधिकारी का नाम नहीं बताया गया है, लेकिन विभिन्न रिपोर्ट्स में सेना प्रमुख जनरल बाजवा के ये अधिकारी होने की बात कही जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय इस बर्खास्तगी से संबंधित आधिकारिक नोटिस नहीं जारी कर पाया और इस कारण इमरान अपने "क्रांतिकारी" मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।
बर्खास्तगी के निर्देश के बाद इमरान से मिलने पहुंचे जनरल बाजवा
रिपोर्ट के अनुसार, इमरान के बर्खास्तगी का निर्देश देने के लगभग एक घंटे बाद दो बिन बुलाए मेहमान इस्लामाबाद स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुंचे और इमरान से अकेले में 15 मिनट तक बात की। जनरल बाजवा और इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ये मेहमान बताए जा रहे हैं। इमरान हेलीकॉप्टर के आगमन की उम्मीद तो कर रहे थे, लेकिन उन्हें इसमें अपने नव-नियुक्त अधिकारियों के होने की उम्मीद थी, जो पूरी तरह गलत साबित हुई।
बाजवा और इमरान की मुलाकात के बाद साफ हुआ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का रास्ता
जनरल बाजवा और इमरान की ये मुलाकात निर्णायक साबित हुई और इसके बाद इमरान ने अपने स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को इस्तीफा देने का निर्देश दिया। उनके इस्तीफे के बाद नए स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जिसमें इमरान की सरकार गिर गई।
इमरान के आदेश को रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका
BBC उर्दू के अनुसार, अगर इमरान जनरल बाजवा को बर्खास्त करने की कोशिश में सफल भी हो जाते तो भी इस निर्देश को रद्द कराने की तैयारी कर ली गई थी। अदनान इकबाल नामक एक वकील ने मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि एक सामान्य नागरिक के तौर पर इमरान जनरल बाजवा को बर्खास्त नहीं कर सकते। याचिका पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह कोर्ट पहुंच गए थे।
पाकिस्तानी सेना ने रिपोर्ट को बताया झूठ का पुलिंदा
पाकिस्तानी सेना ने BBC उर्दू की इस खबर को बेबुनियाद करार देते हुए इसे गलत सूचना फैलाने का संगठित अभियान बताया है। रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए सेना ने कहा कि खबर का कोई भी विश्वसनीय और प्रामाणिक स्त्रोत नहीं है।
सेना और इमरान के संबंध कैसे बिगड़े?
इमरान को किसी समय पाकिस्तानी सेना का 'डार्लिंग' माना जाता था और 2018 में उनके प्रधानमंत्री बनने में सेना की अहम भूमिका रही थी। हालांकि गिरती अर्थव्यवस्था के कारण दोनों के संबंध बिगड़ने लगे। पूर्व ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज अहमद को सेना प्रमुख बनाने के इमरान के पुरजोर प्रयासों ने इन संबंधों को और बिगाड़ दिया। इसके अलावा सेना के मना करने के बावजूद इमरान ने अपनी सरकार पर छाए संकट के लिए अमेरिका को दोषी ठहरा।
पाकिस्तान में क्या चल रहा है?
पाकिस्तान के मौजूदा आर्थिक संकट और अनियंत्रित होती महंगाई के लिए इमरान खान को जिम्मेदार बताते हुए विपक्षी पार्टियों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इमरान ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग को रोकने के लिए लगभग हर हथकंडा अपनाया और संविधान तक को ताक पर रख दिया, लेकिन अंत में उनकी कोई तरकीब काम नहीं आई और उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने पूरे प्रकरण में विदेशी हाथ बताया है।