#NewsBytesExplainer: बाइडन के राष्ट्रपति रेस से पीछे हटने पर कौन होगा उम्मीदवार और कैसे चुना जाएगा?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन एक बार फिर से राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं।
हालांकि, स्वास्थ्य और उम्र को लेकर चिंताओं और डोनाल्ड ट्रंप को बढ़ते समर्थन के बीच उन पर उम्मीदवारी छोड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा है। बाइडन से उनकी ही डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने उम्मीदवारी छोड़ने पर विचार करने का आग्रह किया है। अटकलें हैं कि बाइडन इस पर जल्द फैसला ले सकते हैं।
आइए जानते हैं कि नया उम्मीदवार कैसे चुना जाएगा।
चयन
कैसे चुना जाएगा नया उम्मीदवार?
अगर बाइडन उम्मीदवारी से पीछे हटना चाहते हैं तो उन्हें इस संबंध में डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय समिति (DNC) को बताना होगा। इसके बाद DNC इसकी पुष्टि करेगी और बाइडन के रेस से हटने की प्रक्रिया शुरू होगी।
फिर एक अंतरिम नेता चुना जाएगा और नए उम्मीदवार को चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए कुछ पार्टी कानूनों में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है और उम्मीदवार चुनने के लिए मतदान भी हो सकता है।
राष्ट्रीय अधिवेशन
राष्ट्रीय अधिवेशन में होगा उम्मीदवार पर फैसला
रिपब्लिकन पार्टी की तरह डेमोक्रेटिक पार्टी भी आधिकारिक राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करती है। ये 19 अगस्त को होना है।
इससे पहले तक पार्टी को पसंदीदा उम्मीदवार चुनना होगा। अगर किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनती है तो मतदान की स्थिति भी आ सकती है।
पहले दौर में 3,900 प्रतिनिधि उम्मीदवार चुनेंगे। अगर किसी को बहुमत नहीं मिलता है तो 739 'सुपर डेलीगेट्स' भी मतदान करेंगे।
कमला हैरिस
क्या कमला हैरिस लेंगी बाइडन की जगह?
अभी तक कमला हैरिस को राष्ट्रपति के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार माना जा रहा है। ये भी हो सकता है कि बाइडन अपनी उम्मीदवारी छोड़ने के साथ ही उन्हें समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं।
हालांकि, इसके बावजूद अगर राष्ट्रीय अधिवेशन में कोई दूसरा उम्मीदवार दावेदारी करता है तो चुनाव करवाए जाएंगे। अगर हैरिस चुनाव जीत जाती हैं तो वे अमेरिका की राष्ट्रपति बनने वाली पहली अश्वेत महिला बन जाएंगी।
उम्मीदवार
कमला हैरिस के अलावा और कौन-कौन रेस में हैं?
हैरिस के अलावा कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और मिशिगन के गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर को भी संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है।
न्यूसम 2019 से गवर्नर हैं और सैन फ्रांसिस्को के मेयर भी रह चुके हैं।
व्हिटमर वकील हैं और 2018 से गवर्नर हैं। वे 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में बाइडन के चुनावी अभियान को भी संभाल चुकी हैं।
हालांकि, दोनों नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर अपनी दावेदारी को खारिज किया है।
दबाव
बाइडन पर क्यों बढ़ रहा उम्मीदवारी छोड़ने का दबाव?
डेमोक्रेट्स को सबसे ज्यादा चिंताएं बाइडन की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर है।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बाइडन दिन में केवल 6 घंटे ही बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं।
इसके अलावा कई बड़े मौकों पर बाइडन को लड़खड़ाते और लोगों को पहचानने में गलती करते हुए देखा गया है।
NATO शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने वोलोदिमीर जेलेंस्की को पुतिन और कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति ट्रंप कह दिया था।
ट्रंप पर हमला
ट्रंप पर हमले के बाद बढ़ी बाइडन की मुश्किलें
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर जानलेवा हमले के बाद लोगों में उनके प्रति समर्थन बढ़ा है।
हाल ही में किए गए CNN के सर्वे में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को 330 और बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी को 208 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
रॉयटर्स के एक सर्वे में चौंकाने वाली बात सामने आई है। इसमें कहा गया है कि मिशेल ओबामा अगर चुनाव लड़ती हैं तो वे ट्रंप को हरा सकती हैं।