
आर्मेनिया-अजरबैजान में 37 साल पुरानी जंग खत्म, डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में हुआ शांति समझौता
क्या है खबर?
आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 37 सालों से चली आ रही जंग खत्म करने को लेकर समझौता हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में दोनों देशों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने व्हाइट हाऊस में मुलाकात कर न सिर्फ युद्ध खत्म करने बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने पर सहमति जताई है।
कॉरिडोर
आर्मेनिया और अजरबैजान बोले- ट्रंप को मिले नोबेल शांति पुरस्कार
समझौते के तहत दोनों देशों ने विवादित इलाके में एक कॉरिडोर बनाने पर सहमति जताई है। इस कॉरिडोर का नाम 'ट्रंप रूट फॉर इंटरनेशनल पीस एंड प्रॉस्पेरिटी' होगा। यह कॉरिडोर आर्मेनिया से गुजरते हुए अजरबैजान को उसके नखचिवान एंक्लेव इलाके से जोड़ेगा। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने ट्रंप और उनकी टीम को शांति समझौते का श्रेय देते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।
समझौता
'ट्रंप कॉरिडोर' में होंगी गैस, तेल और रेल लाइनें
समझौते के तहत, अमेरिका को आर्मेनिया की जमीन से होकर एक नया ट्रांजिट कॉरिडोर विकसित करने का विशेष और दीर्घकालिक अधिकार मिल गया है। इसे रूस के लिए झटका माना जा रहा है। इस 43 किलोमीटर के रास्ते में रेल, तेल-गैस पाइपलाइन और फाइबर ऑप्टिक लाइनें बिछाई जाएंगी। अमेरिका को इस कॉरिडोर को बनाने का विशेष अधिकार मिला है, जिसे निजी कंपनियां विकसित करेंगी। अमेरिका इसे लीज पर लेकर बनाएगा।
बयान
ट्रंप बोले- ये ऐतिहासिक दिन
समझौते के बाद ट्रंप ने कहा, "दोनों देशों के साथ आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय समझौते भी किए जाएंगे। यह शिखर सम्मेलन दक्षिण काकेशस क्षेत्र की संभावनाओं को पूरी तरह खोलने में मदद करेगा। दोनों देशों के युद्ध में हजारों लोगों की जानें गईं। कई नेताओं ने इसे खत्म करने की कोशिश की, लेकिन सफलतना नहीं मिली।" ट्रंप ने इसे आर्मेनिया, अजरबैजान, अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक दिन बताया।
युद्धविराम
ट्रंप ने फिर दोहराया भारत-पाकिस्तान में युद्धविराम का दावा
इस मौके पर ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान में युद्धविराम कराने का दावा किया। उन्होंने कहा, "पहले भारत और पाकिस्तान के बीच सफलता मिली। हमारी सफलता के बाद आज के समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। भारत और पाकिस्तान परमाणु संघर्ष पर काम कर रहे थे। वे इसे बड़े पैमाने पर कर रहे थे। वे महान नेता थे, जो भीषण संघर्ष से ठीक पहले साथ आए थे। आप जानते हैं ये संभवतः परमाणु संघर्ष में बदलने वाला था।"
विवाद
आर्मेनिया-अजरबैजान में क्या है विवाद?
1980 और 1990 के दशक में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर लड़ाई हुई थी। ये अजरबैजान बहुल लोगों का क्षेत्र है, जहां की संसद ने 1988 में आर्मेनिया के साथ जाने का फैसला किया था। इससे यहां रहने वाले अजरबैजानी लोग भड़क उठे और दोनों देशों में युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में करीब 30,000 लोग मारे गए और लाखों को विस्थापित होना पड़ा। 2023 में अजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख पर कब्जा कर लिया।