इजरायल-हमास युद्ध: अमेरिका में हिंसक हुआ छात्रों का प्रदर्शन, कोलंबिया ने इजरायल से तोड़े राजनयिक संबंध
क्या है खबर?
अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन के समर्थन और इजरायल के विरोध में प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। न्यूयॉर्क सिटी पुलिस ने देर रात कोलंबिया विश्वविद्यालय और न्यूयॉर्क के सिटी कॉलेज से लगभग 300 छात्रों को हिरासत में लिया है।
इस दौरान कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में हिंसक झड़प की खबरें हैं, जिसमें करीब 15 छात्र घायल हुए हैं। दूसरी ओर, गाजा युद्ध के चलते कोलंबिया ने इजरायल के साथ सभी राजनयिक संबंध खत्म करने का फैसला लिया है।
झड़प
छात्रों के बीच हिंसक झड़प, लाठी-डंडों से किया हमला
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजेलिस (UCLA) में फिलिस्तीन के समर्थन और विरोध में प्रदर्शनकारी छात्र आपस में भिड़ गए।
इजरायल समर्थित छात्र मास्क पहनकर विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे और फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के कैंप पर हमला कर दिया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया, जिसके कई वीडियो सामने आए हैं।
हिंसा के बाद परिसर में बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती की गई है और सभी कक्षाएं रद्द कर दी गई हैं।
गिरफ्तारी
अब तक 1,000 से ज्यादा छात्र गिरफ्तार
अमेरिका के कम से कम 40 विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन हो रहे हैं। बीते दिन प्रदर्शनकारियों ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया था और इसका नाम बदलकर गाजा में मरने वाली 6 साल की बच्ची के नाम पर रखा दिया था।
बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को यहां से हटाया था। पुलिस ने अब तक अलग-अलग विश्वविद्यालयों से 1,000 से भी ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया है।
कोलंबिया
कोलंबिया ने इजरायल के साथ खत्म किए राजनयिक संबंध
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने गाजा में कार्रवाई के चलते इजरायल के साथ राजनायिक संबंध खत्म करने की घोषणा की।
उन्होंने एक दिन पहले कहा था, "इजरायल में ऐसी सरकार होने के लिए, एक ऐसा राष्ट्रपति होने के लिए जो नरसंहार करता है, कल हम इजरायल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ देंगे।"
इस फैसले पर इजरायल के विदेश मंत्री ने कोलंबिया की निंदा की। उन्होंने पेट्रो पर 'घृणित यहूदी विरोधी' होने का आरोप लगाया।
अमेरिका
फिलिस्तीनियों के लिए बड़े नीतिगत फैसले पर काम कर रहा अमेरिका
अमेरिकी सरकार अमेरिका में रहने वाले उन फिलिस्तीनियों की मदद के लिए नीति बनाने पर काम कर रही है, जो फिलिस्तीन से अपने परिवार को अमेरिका लाना चाहते हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा, "हम उन फिलिस्तीनियों को और अधिक समर्थन देने के लिए नीतिगत प्रस्तावों का लगातार मूल्यांकन कर रहे हैं, जो अमेरिकी नागरिकों के परिवार के सदस्य हैं और अमेरिका आना चाहते हैं।"
मांग
क्या हैं छात्रों की मांगें?
प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि इजरायल गाजा पट्टी में मानवाधिकारों को गंभीर उल्लंघन कर रहा है और युद्ध पर तत्काल विराम लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा वे विश्विद्यालयों से ऐसे देशों और ऐसी कंपनियों से संबंध तोड़ने की मांग भी रहे हैं, जिन्हें कथित तौर पर गाजा युद्ध से फायदा हो रहा है। इनमें सीधों पर इजरायल से जुड़ी और उसके लिए हथियार और युद्ध सामग्री बनाने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।