इजरायल-हमास युद्ध: फिलिस्तीनियों पर गोलीबारी में 112 की मौत, वैस्ट बैंक में बढ़ा इजरायली कब्जा
इजरायल ने पहले से ही अपने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में एक प्रमुख यहूदी बस्ती से सटी करीब 650 एकड़ जमीन पर और कब्जा कर लिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां फिलहाल किसी तरह का निर्माण करने की कोई योजना नहीं है। दूसरी ओर, 29 फरवरी को राहत सामग्री के इंतजार में खड़े फिलिस्तीनी लोगों पर गोलीबारी में कम से कम 112 लोगों की मौत हो गई है।
आटा लेने आए सैकड़ों लोगों पर चली गोलियां
अल जजीरा के मुताबिक, गाजा पट्टी के दक्षिण-पश्चिम में अल-रशीद नामक जगह पर सैकड़ों लोग राहत सामग्री लेकर आए ट्रकों के पास खड़े थे। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायली सैनिकों ने भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 112 लोगों की मौत हो गई और 750 से ज्यादा घायल हुए हैं। गाजा की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजरायली टैंक लोगों के शवों पर चढ़ गए।
वैश्विक समुदाय ने की घटना की निंदा
घटना की वैश्विक समुदाय ने निंदा की है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, "हम आज सुबह से ही इजरायली सरकार के संपर्क में हैं और समझते हैं कि जांच चल रही है। हम जांच की बारीकी से निगरानी करेंगे और जवाब देने के लिए दबाव डालेंगे।" फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, "गाजा से आ रही तस्वीरों पर गहरा आक्रोश है, जहां इजराइली सैनिकों ने नागरिकों को निशाना बनाया है।"
652 एकड़ जमीन पर बस्ती बसा सकता इजरायल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने जिस जमीन पर कब्जा किया है, वहां माले अदुमिम बस्ती बसाई जा सकती है। हालांकि, इजरायल ने फिलहाल किसी निर्माण कार्य से मना किया है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रवक्ता ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि ये जेरूसलम को फिलिस्तीनी क्षेत्रों से अलग करने और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य बनाने की संभावना को कमजोर की कोशिश है। बता दें कि 1967 के युद्ध के बाद से वेस्ट बैंक इजरायल के कब्जा में है।
युद्ध में 30,000 लोगों की मौत
इजरायल-हमास युद्ध में अब तक गाजा में 30,035 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 12,300 बच्चे शामिल हैं। गाजा पट्टी के हर 75 लोगों में से एक की जान गई है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल स्काऊ ने कहा कि गाजा में हर 4 में से एक व्यक्ति अकाल के खतरे में है। 20 साल से कम उम्र के हर 6 में से एक बच्चे पर भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है।