अमेरिका: 'मरने' के 24 मिनट बाद जिंदा हुई महिला, बयां किया इस अंंतराल का अनुभव
कई किताबों और ग्रंथों में पुनर्जन्म की बात लिखी है, लेकिन मत्यु के बाद क्या होता है, शायद ही हम कभी जान पाएंगे। हालांकि, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो मरने के बाद जिंदा हुए और उन्होंने इस दौरान जो कुछ भी देखा, उसके बारे में बताया। हाल ही में अमेरिका की एक महिला को भी चिकित्सीय रूप से मृत घोषित कर दिया था, लेकिन इसके 24 मिनट बाद वह जिंदा हो गई।
क्या है मामला?
24 मिनट के अंदर मरकर जिंदा हुई लॉरेन कैनेडे नामक महिला ने रेडिट पोस्ट के जरिए अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया, "बीते फरवरी के महीने में मुझे घर पर अचानक से कार्डियक अरेस्ट आया, जिसके बाद मेरे पति ने 911 पर संपर्क किया और CPR शुरू किया। इसके बाद मुझे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां मुझे मृत घोषित कर दिया गया ।" उन्होंने बताया कि इसके 24 मिनट बाद ही वह जिंदा हो गईं।
जिंदा होने के बाद 9 दिनों तक चिकित्सकों की निगरानी में रहीं लॉरेन
लॉरेन ने बताया कि वह 2 दिनों के लिए कोमा में चली गई थीं और जब वह उठीं तो उन्हें पिछले बीते सप्ताह की कोई भी बात याद नहीं थी। उन्होंने आगे कहा, "कोमा में रहते हुए भी मुझे बहुत शांतिपूर्ण वातावरण का अहसास हुआ, जो कि जागने के बाद भी जारी रहा।" जिंदा होने के बाद लॉरेन को 9 दिनों तक चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया और उनके कई टेस्ट किए।
मरने पर लॉरेन क्या-क्या महसूस किया?
लॉरेन ने बताया कि मरने पर ऐसा कुछ नहीं हुआ जैसा कि फिल्में और अन्य मीडिया आमतौर पर चित्रित करती हैं। उनका कहना यह भी है कि उन्हें उन चीजों की भी अनुभूति नहीं हुई, जिसका वर्णन मारकर वापस लौटने वाले अन्य लोग कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह अनुभव ऐसा था कि जैसे वह जमीन पर पीठ के बल लेटी हों और उनके आसपास का माहौल शांत हो, लेकिन इस दौरान वह घबराहट भी महसूस कर रही थीं।
मरकर जिंदा होने की स्थिति को कहा जाता है 'लाजर इफेक्ट'
बता दें कि कार्डियक अरेस्ट के कारण मरने के बाद जिंदा होने की स्थिति को 'लाजर इफेक्ट' कहा जाता है। इसमें ऐसा लगता है कि जैसे मरीज मरकर जिंदा हुआ है, लेकिन असल में वो कभी मरा ही नहीं होता। ऐसा क्यों होता है, इसका कारण नहीं पता है। इसके अधिकांश मरीज ज्यादा दिन जीवित नहीं रह पाते हैं। 1982 से 2018 के बीच ऐसे 65 मामले सामने आए, जिनमें से केवल 18 व्यक्ति ही पूरी तरह से ठीक हुए।
थाईलैंड में अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय जिंदा हुई थी महिला
इसी साल जुलाई में थाईलैंड की 49 वर्षीय चैटापॉर्न सरीफोनला नामक एक महिला का इलाज बान डंग क्राउन प्रिंस अस्पताल में चल रहा था, लेकिन डॉक्टरों ने उनके बचने की संभावना बहुत कम बताई। ऐसे में उनके परिवार ने उन्हें घर ले जाने का फैसला किया, लेकिन रास्ते में ही चैटापॉर्न की मत्यु हो गई। इसके बाद परिवार में अंतिम संस्कार का पूरा इंतजाम कर लिया, लेकिन शव को दफनाने के लिए ले जाते समय चैटापॉर्न अचानक जिंदा हो गईं।