फ्रिडा काहलो की दुर्लभ पेंटिंग ने तोड़े नीलामी के रिकॉर्ड, 487 करोड़ रुपये में बिकी
क्या है खबर?
फ्रिडा काहलो कला जगत का वह नाम है, जिसने लाखों महिलाओं को यह सिद्ध कर दिखाया कि सपने वाकई सच होते हैं। वह दुनिया की सबसे प्रतिभाशाली महिला पेंटर थीं, जिनकी कला आज भी लोगों को प्रेरित करती है। वह मेक्सिको की रहने वाली थीं और अपने सेल्फ पोर्ट्रेट्स के जरिए लोगों का दिल जीत लेती थीं। अब उनकी एक पेंटिंग 487 करोड़ रुपये में नीलाम हुई है और इसने एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिखाया है।
नीलामी
कब और कहां हुई पेंटिंग की नीलामी?
इस दुर्लभ पेंटिंग की नीलामी का आयोजन सोथबी ने न्यूयॉर्क में करवाया था। 20 नवंबर, 2025 को इसे 487 करोड़ रुपये की भारी कीमत पर बेचा गया। अब इसने किसी भी महिला कलाकार द्वारा बनाई गई सबसे महंगी पेंटिंग का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड जॉर्जिया ओ'कीफ की 'जिमसन वीड/व्हाइट फ्लावर नंबर 1' पेंटिंग के नाम दर्ज था, जो 2014 में 393 करोड़ रुपये में नीलाम हुई थी।
पेंटिंग
काहलो के जीवन की वास्तविकता बयान करती हैं यह पेंटिंग
इस पेंटिंग का शीर्षक 'एल सुएनो (ला कामा)' यानि 'सपना (बिस्तर)' है। यह काहलो की सेल्फ पोर्ट्रेट है, जिसमें वह आसमान में उड़ते हुए बिस्तर पर सो रही हैं। उनके बिस्तर के ऊपर एक कंकाल लेटा हुआ है, जिसपर कई डाइनेमाइट लिपटे हुए हैं। नीलाम होने से पहले यह पेंटिंग एक निजी संग्रह की शोभा बढ़ा रही थी। एक दर्दनाक दुर्घटना के कारण काहलो को बिस्तर पर रहने की सलाह दी गई थी, जिसके दौरान उन्होंने यह पेंटिंग बनाई थी।
बिक्री
इस पेंटिंग ने तोड़ा एक और रिकॉर्ड
नीलामीघर के मुताबिक, इस पेंटिंग को हासिल करने के लिए करीब 4 मिनट तक बोली लगाई गई थी। हालांकि, इसके नए मालिक की पहचान को फिलहाल गुप्त रखा गया है। इस बिक्री ने काहलो के खुद के पिछले नीलामी रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। इससे पहले किसी लैटिन अमेरिकी कलाकार द्वारा बिकने वाली सबसे महंगी पेंटिंग काहलो और उनके पति को दर्शाने वाली 'डिएगो और मैं' थी। इसकी कीमत 309 करोड़ रुपये लगी थी।
जानकारी
कई लोगों ने जताई इस बिक्री पर नाराजगी
न्यूयॉर्क और लंदन जैसे शहरों में होने वाली प्रदर्शनियों के लिए इस पेंटिंग की मांग की जा रही है। साथ ही कई कलाकारों ने इसकी बिक्री पर सवाल भी खड़े किए हैं। उनके मुताबिक, यह पेंटिंग इस बार भी किसी प्रदर्शनी में नजर नहीं आएगी।
काहलो
कैसा था काहलो का पेंटिंग स्टाइल?
काहलो अपनी कला के जरिए अपनी कल्पना को ही नहीं, बल्कि अपनी हकीकत को दर्शाया करती थीं। उनकी पेंटिंग में मेक्सिकन संस्कृति, महिलाओं की स्थिति और आत्म-प्रस्तुति का गहरा प्रभाव दिखाई देता है। काहलो ने अपने करियर के दौरान 55 सेल्फ पोर्ट्रेट बनाएं, जिनमें उनकी खुद की जिंदगी की कहानियां छिपी हुई हैं। उन्होंने अपने दर्द और संघर्ष को अपने कला रूप में व्यक्त किया, जिस कारण उनकी कलाकृतियां आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।