कला के क्षेत्र में फ्रिदा काहलो ने कमाया खूब नाम, उनकी ये पेंटिंग हैं सबसे प्रसिद्ध
क्या है खबर?
फ्रिडा काहलो का नाम दुनिया के सबसे महान कलाकारों में शुमार होता है और उन्हें सबसे प्रतिभाशाली महिला कलाकार माना जाता है।
वह मेक्सिको की रहने वाली थीं और अपने सेल्फ पोर्ट्रेट्स के जरिए सभी को अचंभित कर देती थीं।
वह अपनी कलाकृतियों में जीवंत रंगों का इस्तेमाल करती थीं और उनके जरिए स्त्रियों के जीवन की कठिनाइयों और भावनाओं को बखूबी दर्शाती थीं।
आइए उनकी 5 सबसे मशहूर पेंटिंग के बारे में जानते हैं।
#1
द टू फ्रिडाज
जिस पेंटिंग ने काहलो को प्रसिद्धि दिलाई उसका नाम 'द टू फ्रिडाज' है। इसमें काहलो के 2 रूप दिखते हैं, जो एक दूसरे के बगल में हाथ पकड़े बैठे हैं।
उनमें से एक ने खून बहते दिल के साथ सफेद पोशाक पहनी है, जबकि दूसरी ने पारंपरिक मैक्सिकन पोशाक पहन रखी है।
दोनों ही उदास नजर आती हैं और उनके दिल पर दिखाई देने वाले घाव उस अशांति को दर्शाते हैं, जो उन्होंने झेली थी।
#2
हेनरी फोर्ड हॉस्पिटल
'हेनरी फोर्ड हॉस्पिटल' काहलो द्वारा 1932 में बनाई गई पेंटिंग है, जिसे उन्होंने धातु की सतह पर ऑयल पेंट से तैयार किया था।
इस चित्र के माध्यम से उन्होंने डेट्रॉयट के हेनरी फोर्ड अस्पताल के दुखद अनुभव को दर्शाया है, जब उनका गर्भपात हो गया था।
इसमें काहलो अस्पताल के बिस्तर पर नग्न लेटी हैं और उनके शरीर से बहुत खून बह रहा है। उनके चारों ओर कई वस्तुएं बनी हैं, जो उनकी गर्भनाल से जुड़ी हुई हैं।
#3
द वूंडेड डियर
काहलो ने 1946 में एक विचित्र पेंटिंग बनाई थी, जिसका नाम 'द वूंडेड डियर' है। यह एक ऑयल पेंटिंग है, जिसे 'द लिटिल डियर' नाम से भी जाना जाता है।
इस पेंटिंग में काहलो ने हिरन का शरीर बनाया है, लेकिन उसके सिर की जगह अपना सिर बनाया है। हिरन के शरीर पर कई तीर लगे हुए हैं और वह बुरी तरह घायल है।
इस पेंटिंग के माध्यम से काहलो दर्शकों को अपना दर्द और कठिनाइयां दिखाना चाहती थीं।
#4
सेल्फ पोर्ट्रेट ऑन द बॉर्डरलाइन बिटवीन मेक्सिको एंड द यूनाइटेड स्टेट्स
फ्रिदा काहलो का एक और सेल्फ पोर्ट्रेट बहुत मशहूर हुआ था, जिसका शीर्षक 'सेल्फ पोर्ट्रेट ऑन द बॉर्डरलाइन बिटवीन मेक्सिको एंड द यूनाइटेड स्टेट्स' है।
इसे उन्होंने 1932 में बनाया था और इसके जरिए पहचान, सांस्कृतिक द्वंद्व और औद्योगीकरण पर प्रकाश डालने की कोशिश की थी।
इसमें काहलो को मैक्सिको और अमेरिका की सीमा पर दर्शाया गया है। पेंटिंग को 2 अलग-अलग भागों में बांटा गया है, जिनमें काहलो दोनों के बीच एक सेतु के रूप में खड़ी हुई हैं।
#5
व्हाट द वाटर गेव मी
'व्हाट द वॉटर गेव मी' काहलो द्वारा बनाई गई एक मशहूर ऑयल पेंटिंग है, जिसे 1938 में पूरा किया गया था। इसे 'व्हाट आई सॉ इन द वॉटर' के नाम से भी जाना जाता है।
कहा जाता है कि इस पेंटिंग के जरिए काहलो ने अपनी जीवनी को वर्णित करने की कोशिश की थी। इसमें वह एक बाथटब में लेटी हुई हैं और पानी में अपने जीवन के सभी अहम पलों की झलक देख रही हैं।