अंडर-19 विश्व कप के वो स्टार खिलाड़ी, जिन्हें भारतीय टीम में नहीं मिली जगह
क्या है खबर?
2020 अंडर-19 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश ने भारत को तीन विकेट से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया।
1988 में शुरु हुए इस टूर्नामेंट ने इंटरनेशनल क्रिकेट को कई स्टार खिलाड़ी दिए हैं। युवराज सिंह, विराट कोहली और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी इस टूर्नामेंट की ही देन हैं। लेकिन ऐसे भी कई प्रतिभावान खिलाड़ी रहे, जिन्होंने अंडर-19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया, फिर भी उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।
आइये जानें।
#1
2008 अंडर-19 विश्व कप के हीरो तन्मय श्रीवास्तव
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 2008 अंडर-19 विश्व कप का खिताब जीता था। इसके बाद ही कोहली को भारत के लिए खेलना का मौका मिला था। लेकिन इस टूर्नामेंट में भारत के हीरो कोहली नहीं बल्कि तन्मय श्रीवास्तव रहे थे। टूर्नामेंट में तन्मय सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे थे।
तन्मय ने विश्व कप की छह पारियों में 52.40 की औसत से सबसे ज्यादा 262 रन बनाए थे। वर्तमान में तन्मय उत्तराखंड टीम का हिस्सा हैं।
#2
2012 में भारत को चैंपियन बनाने वाले उनमुक्त चंद
दिल्ली के उनमुक्त चंद ने अपनी कप्तानी में 2012 में भारत को तीसरा अंडर-19 विश्व कप जिताया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उनमुक्त का नाबाद शतक शायद की कोई क्रिकेट प्रेमी भूल पाया होगा।
टूर्नामेंट में उनमुक्त सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे थे। विश्व कप की छह पारियों में उनमुक्त ने 49.20 की औसत से 246 रन बनाए थे।
उस वक्त उनमुक्त को विराट कोहली का क्लोन कहा जाता था।
#3
2014 में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दीपक हूडा
भले ही भारत 2014 अंडर-19 विश्व कप का खिताब नहीं जीत सका था, लेकिन यह टूर्नामेंट मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ दीपक हूडा के लिए यादगार रहा था।
टूर्नामेंट में हूडा भारत के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे थे। विश्व कप की छह पारियों में हूडा ने 78.33 की औसत से 235 रन बनाए थे।
IPL 2016 में हूडा को सनराइज़र्स हैदराबाद ने 4.2 करोड़ रुपये की मोटी रकम में अपनी टीम में शामिल किया था।
#4
2018 फाइनल के शतकवीर मनजोत कालरा
2018 अंडर-19 विश्व कप में भारत को चैंपियन बनाने में सलामी बल्लेबाज़ मनजोत कालरा का विशेष योगदान रहा था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में मनोजत कालरा ने अकेले दम पर शतक लगाकर भारत को विश्व विजेता बनाया था।
विश्व कप की पांच पारियों में कालरा ने एक शतक के साथ 84 की शानदार औसत से 252 रन बनाए थे।
कालरा को हाल ही में उम्र से धोखाधड़ी के मामले में एक साल के लिए बैन किया गया था।