क्या है स्मार्ट डस्ट? जानिये इसकी जरूरत और फायदे-नुकसान
बदलते समय के साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। आने वाले समय में डाटा, सेंसर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ी ऐसी तकनीकें आने वाली हैं जो हमारी जिंदगी को पूरी तरह बदलकर रख देगी। ऐसी ही एक नई तकनीक स्मार्ट डस्ट (Smart Dust) के बारे में आज हम बात करेंगे। हम आपको बताएंगे कि स्मार्ट डस्ट क्या है, इस पर अभी कितना काम हुआ है, इसके फायदे-नुकसान क्या होंगे और इसके सामने क्या-क्या चुनौतियां होंगी।
क्या है स्मार्ट डस्ट?
स्मार्ट डस्ट अलग-अलग सेंसरों से बना एक डिवाइस है जो अपने आसपास के पूरे डाटा को इकट्ठा कर क्लाउड पर भेज सकता है। पूरी तरह वायरलेस यह डिवाइस रेत के कण के बराबर होगा। इसमें लगे सेंसर लाइट, ह्यूमिडिटी, वाइब्रेशन समेत हर तरह का डाटा स्टोर कर सकते हैं। इस डिवाइस को माइक्रो-कंट्रोलर की मदद से ऑपरेट किया जाता है। अभी यह तकनीक शुरुआती दौर में है और भविष्य में इस पर काफी काम किया जाना बाकी है।
क्यों जरूरी है स्मार्ट डस्ट टेक्नोलॉजी?
अधिकतर कंपनियां भविष्य को देखते इंटरनेट ऑफ थिंग्स की तरफ बढ़ रही है, जहां हर चीज इंटरनेट से जुड़ी होगी। ऐसे में डाटा की जरूरत पड़ेगी। डाटा की मदद से ही चीजें अपने यूजर की कमांड समझ पाएगी। स्मार्ट डस्ट आपके घर, खेत, ऑफिस और सेना तक की जरूरतें पूरी करेगी। उदाहरण के लिए अगर पता लगाना है कि खेत की मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है तो वहां स्मार्ट डस्ट को लगा दीजिए। पूरा आंकड़ा सामने होगा।
कई क्षेत्रों में इस्तेमाल होगी स्मार्ट डस्ट
खेत में स्मार्ट डस्ट का इस्तेमाल केवल एक उदाहरण है। इसे स्वास्थ्य, सेना, कारोबार, ऑटोमोबाइल आदि अनेक क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तकनीक वायर वाले डिवाइस को हटाकर सब कुछ वायरलेस कर सकती है।
क्या है स्मार्ट डस्ट के फायदे?
स्मार्ट डस्ट के इस्तेमाल को देखते हुए इसके अलग-अलग फायदे हैं। इंडस्ट्री के लिए देखें तो यह सेफ्टी, एफिशिएंसी और प्रोडक्टविटी सुधारने में काम आएगी। वहीं यह इंफ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम की लागत कम कर देगी। किसानों के लिए यह उन्हें फसल और मिट्टी की जानकारी दे सकती है, जिसकी मदद से पैदावार बढ़ाई जा सकती है। सेना इन्हें सिक्योरिटी और ट्रेकिंग के लिए इस्तेमाल कर सकती है। इसे उन इलाकों में तैनात किया जा सकता है, जहां पहुंचना मुश्किल हो।
क्या है स्मार्ट डस्ट के नुकसान?
स्मार्ट डस्ट को सबसे बड़ा नुकसान प्राइवेसी में अतिक्रमण है। इसमें लगे सेंसर इतने छोटे होते हैं कि इन्हें देख पाना असंभव होता है। ये सेंसर हर छोटी से छोटी हरकत को रिकॉर्ड कर सकते हैं। इस वजह से प्राइवेसी में खतरा पैदा होता है। अभी यह तकनीक शुुरुआती दौर में है, इस वजह से इसकी लागत अधिक है। लोगों के इस्तेमाल लायक होने तक शायद इसकी कीमत कम हो जाए, लेकिन उसमें अभी काफी वक्त लगेगा।
प्राइवेसी है स्मार्ट डस्ट की सबसे बड़ी चुनौती
स्मार्ट डस्ट के सामने बड़ी चुनौती प्राइवेसी के मामले से पार पाना होगा। फिलहाल फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियां प्राइवेसी के मामले पर चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में स्मार्ट डस्ट इससे कैसे पार पाती है, यह देखने वाली बात होगी।