उत्तर प्रदेश के टीचर ने बनाई 47 भाषाएं बोलने वाली रोबोट, नाम रखा 'शालू'
इनोवेशन के मामले में भारतीयों का कोई जवाब नहीं और इसके लिए उन्हें ढेर सारे संसाधनों की जरूरत भी नहीं पड़ती। अब उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में रहने वाले दिनेश पटेल ने एक ह्यूमनॉएड रोबोट बनाया है, जो 47 भाषाएं बोल सकता है। दिनेश IIT बॉम्बे के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस के टीचर हैं और उन्होंने इस रोबोट का नाम 'शालू' रखा है। शालू नौ भारतीय और 38 विदेशी भाषाएं बोल सकती है।
प्लास्टिक और लकड़ी जैसे वेस्ट मैटीरियल से बनाया रोबोट
दिनेश पटेल ने बताया कि वह साल 2010 में रिलीज हुई बॉलीवुड साइंस फिक्शन फिल्म रोबोट से प्रेरित हुए और उन्होंने रोबोट बनाने के बारे में सोचा। समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, शालू को प्लास्टिक, कार्डबोर्ड, लकड़ी और एल्युमिनियम जैसे वेस्ट मैटीरियल की मदद से तैयार किया गया है। इसे बनाने में कितना खर्च आया, जवाब में दिनेश ने बताया, "रोबोट को तैयार करने में तीन साल का वक्त लगा और इसमें करीब 50,000 रुपये का खर्च आया।"
लोगों को पहचानती और सवालों के जवाब देती है शालू
दिनेश पटेल ने अपने रोबोट के बारे में बताया है कि शालू अपने आसपास मौजूद लोगों को पहचानने के अलावा चीजें याद रख सकती है। यह रोबोट सामान्य ज्ञान और गणित के सवाल पूछने भी जवाब भी देती है। दिनेश ने कहा, "शालू लोगों का अभिवादन कर सकती है, भावनाएं दिखा सकती है, अखबार पढ़ने और रेसिपी पढ़कर सुनाने जैसे काम कर सकती है। इसे स्कूल में टीचर या ऑफिस में रिसेप्शनिस्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।"
रोबोट बनाने के लिए हो रही तारीफ
पटेल के साथी टीचर्स के अलावा बाकियों से भी उन्हें रोबोट बनाने के लिए तारीफ मिल रही है। IIT बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्रोफेसर सुप्रतीक चक्रवर्ती ने एक लेटर लिखकर उनकी प्रशंसा की है। सुप्रतीक ने लिखा, "यह वाकई बेहतरीन काम है। ऐसे रोबोट को एजुकेशन, एंटरटेनमेंट और दूसरे क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है। शालू अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा बन सकती है।"
हैंसन रोबोटिक्स की सोफिया ह्यूमनॉएड जैसी है शालू
शालू रोबोट को देखकर हांग कांग बेस्ड कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोशल ह्यूमनॉएड रोबोट सोफिया की याद आती है। फरवरी, 2016 में ऐक्टिवेट की गई सोफिया किसी सामान्य इंसान की तरह बातचीत कर सकती है और आसपास की चीजें समझती है। सोफिया दुनिया के कई देशों में सफर कर चुकी है और अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय बाकियों के साथ शेयर कर सकती है। इस रोबोट ने कई हाई-प्रोफाइल इंटरव्यू दिए हैं और शालू भी इसके जैसी ही है।