
वैज्ञानिकों ने पहली बार प्रयोगशाला में उगाया इंसानी दांत, इलाज होगा सरल
क्या है खबर?
वैज्ञानिकों ने पहली बार प्रयोगशाला में मानव दांत को सफलतापूर्वक उगाने में सफलता पाई है।
यूनाइटेड किंगडम (UK) के किंग्स कॉलेज लंदन के शोध के अनुसार, अब भविष्य में लोग खोए हुए दांतों को प्राकृतिक रूप से वापस पा सकते हैं। यह तरीका फिलिंग या डेंटल इम्प्लांट का विकल्प बन सकता है।
वैज्ञानिकों ने एक खास सामग्री तैयार की है, जो दांतों के विकास के लिए जरूरी माहौल बनाती है, जिससे कोशिकाएं आपस में संकेत भेजकर दांत बना पाती हैं।
फायदा
नई तकनीक दंत चिकित्सा में ला सकती है क्रांति
वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे शार्क और हाथियों में नए दांत उगते हैं, वैसे ही इंसानों में भी यह मुमकिन होगा।
पहले जब वैज्ञानिकों ने कोशिकाओं से दांत उगाने की कोशिश की थी, तब वे आपस में ठीक से संपर्क नहीं कर पा रही थीं।
अब टीम 2 तरीकों पर काम कर रही है, जिसमें पहले दांत को लैब में पूरा बनाकर जबड़े में लगाया जाए और दूसरा कोशिकाएं सीधे मुंह में रख दी जाएं, ताकि वहीं दांत बने।
शोध
फिलिंग और इम्प्लांट का बेहतर विकल्प बनेगा यह शोध
शोधकर्ताओं के मुताबिक, फिलिंग और इम्प्लांट पूरी तरह प्राकृतिक दांत का काम नहीं कर पाते।
ये समय के साथ कमजोर हो सकते हैं और दूसरी समस्याएं भी ला सकते हैं। वहीं, प्रयोगशाला में उगाया गया दांत मजबूत, लंबे समय तक टिकने वाला और पूरी तरह जैविक होगा।
यह शरीर द्वारा अस्वीकृत भी नहीं होगा। इस तकनीक से मरीजों को दर्द रहित, टिकाऊ और स्वाभाविक दांतों का समाधान मिल सकता है।