
इंसानों की पूर्वज 'लूसी' का चेहरा पहली बार आया सामने, इस तरह किया गया तैयार
क्या है खबर?
आज हम जिस इंसान के रूप में हैं, उसका सफर लाखों साल पहले शुरू हुआ था।
अब वैज्ञानिकों ने पहली बार हमारे सबसे पुराने पूर्वजों में से एक 'लूसी' का चेहरा दिखाया है। यह ऑस्ट्रेलोपिथेकस अफरेन्सिस प्रजाति की एक महिला थी, जो करीब 30 लाख साल पहले धरती पर रहती थी।
1975 में इथियोपिया में मिले उसके कंकाल ने यह साबित किया कि हमारे पूर्वज दिमाग बड़ा होने से पहले ही सीधे चलना सीख चुके थे।
खुलासा
पहली बार सामने आया लूसी का चेहरा
वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने उसकी खोपड़ी के 3D स्कैन और चिम्पांजी के सॉफ्ट टिशू डाटा की मदद से उसका चेहरा फिर से बनाया है।
यह काम फोरेंसिक फेशियल रिकंस्ट्रक्शन तकनीक से किया गया। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाले सिसेरो मोरेस ने कहा कि लूसी का चेहरा देखना सुदूर अतीत से जुड़ने जैसा है।
यह विज्ञान और कला का मेल है, जिससे हम यह कल्पना कर सकते हैं कि वह महिला लाखों साल पहले कैसी दिखती थी।
चेहरा
दिखने में मानव और वानर का मेल
पुनर्निर्माण में लूसी का चेहरा चिम्पांजी की तुलना में अधिक चपटा है।
उसकी भौंह की लकीर कम स्पष्ट है और जबड़ा न पूरी तरह से मानव जैसा है, न ही पूरी तरह से वानर जैसा। उसका मस्तिष्क केवल 391 क्यूबिक सेंटीमीटर था, जो आज के मानव मस्तिष्क (1,350 सीसी) से काफी छोटा था। फिर भी वह सीधे चल सकती थी।
वैज्ञानिकों का मानना है कि उसकी त्वचा और बाल काले रहे होंगे, जो गर्म इथियोपियाई जलवायु से मेल खाते हैं।
जीवनशैली
दो दुनियाओं की जीवनशैली और अंत
लूसी के हाथ-पैर और शरीर इस तरह बने थे कि वह पेड़ों पर चढ़ भी सकती थी और जमीन पर दो पैरों से चल भी सकती थी। यानी वह पेड़ों और जमीन दोनों जगहों पर जीने के लिए अनुकूल थी।
उसकी मौत संभवतः 12 से 18 वर्ष की उम्र में पेड़ से गिरने की वजह से हुई थी। उसके अवशेषों को पहली बार इस साल अगस्त में यूरोप के प्राग राष्ट्रीय संग्रहालय में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।