6G टेक्नोलॉजी लाने की तैयारी, जुलाई में टेस्ट सैटेलाइट भेज सकती है हुवाई
क्या है खबर?
हुवाई का स्मार्टफोन बिजनेस भले ही अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड वॉर के चलते प्रभावित हुआ हो लेकिन कंपनी नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है।
हुवाई से जुड़े चांग-एन शुमाजुन के हवाले से सामने आ रही रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी 6G नेटवर्क टेक्नोलॉजी पर काम करने के लिए दो सैटेलाइट्स लॉन्च कर सकती है।
इसके लिए हुवाई दो चाइनीज कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर सकती है और इसका लॉन्च जुलाई में किया जा सकता है।
प्लान
6G नेटवर्क टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है कंपनी
हुवाई की योजना सैटेलाइट्स के साथ 6G नेटवर्क टेक्नोलॉजी को वेरिफाइ करेगी।
6G वेरिफिकेशन सैटेलाइट्स के लॉन्च के साथ हुवाई ग्लोबल 6G टेक्नोलॉजी के मामले में बाकियों से आगे चली जाएगी।
यह लॉन्च हुवाई, चाइना मोबाइल और नेशनल स्पेस फर्म एकसाथ मिलकर करेंगे।
चीन की कोर टेक्नोलॉजी जैसे- नेटवर्किंग और स्विचिंग के लिए यह एक बड़ा कदम होगा और यहां पहले ही ज्यादातर क्षेत्रों तक 5G कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है।
6G
5G के मुकाबले 50 गुना तेज होगी 6G
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 6G टेक्नोलॉजी के साथ 5G कनेक्टिविटी के मुकाबले करीब 50 गुना तेज इंटरनेट स्पीड मिलेगी।
दरअसल, 5G नेटवर्क्स सिग्नल्स ट्रांसमिट करने के लिए बेस स्टेशंस पर निर्भर करते हैं और जटिल ढांचे का इस्तेमाल करते हैं।
इसके मुकाबले 6G नेटवर्क्स हाई फ्रीक्वेंसी ट्रांसमिट करने के लिए बेस स्टेशंस के मुकाबले सैटेलाइट्स इस्तेमाल करेंगे।
बेस स्टेशंस के बजाय सैटेलाइट्स से बेहतर स्पीड और ज्यादा एरिया में कनेक्टिविटी मिलेगी।
लॉन्च
साल 2030 तक 6G नेटवर्क्स लॉन्च करेगी हुवाई
हुवाई के रोटेटिंग चेयरमैन जू झीजुन ने इस महीने की शुरुआत में 6G से जुड़े कंपनी के प्लान्स की जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि हुवाई अपने 6G नेटवर्क्स साल 2030 में लॉन्च करेगी।
चाइनीज टेक कंपनी जल्द ही 6G से जुड़ा वाइट पेपर रिलीज करेगी और इंडस्ट्री को बताएगी कि 6G टेक्नोलॉजी क्या है।
बता दें, हुवाई की नेटवर्किंग सर्विसेज का इस्तेमाल दुनिया के दूसरे देश भी करते हैं।
चीन
5G टेक्नोलॉजी में भी चीन को बढ़त
भले ही भारत में अब तक 5G टेक्नोलॉजी की शुरुआत ना हुई हो लेकिन पड़ोसी देश चीन की टेक्नोलॉजी दुनिया के सबसे एडवांस्ड देशों को भी टक्कर देती है।
हालांकि, अमेरिका ने हुवाई नेटवर्किंग उपकरणों को सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए इसपर व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिए हैं।
कई चुनौतियों का सामना करने का बावजूद हुवाई और चीन भविष्य के इंटरनेट पर काम शुरू कर चुके हैं और बढ़त दर्ज कर सकते हैं।