प्रशांत किशोर और कांग्रेस में एक बार फिर से शुरू हुई बातचीत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच एक बार फिर से बातचीत शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों पक्षों की बातचीत का नतीजा अगले चार हफ्ते के अंदर साफ हो सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार प्रशांत ने खुद राहुल गांधी से संपर्क किया है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद गांधी परिवार पर भी दबाव है, ऐसे में उन्होंने भी प्रशांत से दोबारा बातचीत करने का फैसला लिया है।
रिपोर्ट
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा- गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही बात
प्रशांत किशोर और कांग्रेस में इस बार बातचीत किस लक्ष्य को लेकर हो रही है, इस पर दोनों पक्षों ने अलग-अलग बातें कही हैं।
कांग्रेस के सूत्रों ने NDTV को बताया कि उनका प्रस्ताव केवल गुजरात विधानसभा चुनाव में साथ काम करने को लेकर है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेतृत्व ने हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए प्रशांत को साथ लाने को लेकर गुजरात कांग्रेस के नेताओं से राय ली थी, जिसमें ज्यादातर नेताओं ने इस पर सहमति जताई।
दूसरा पक्ष
प्रशांत के करीबियों ने कहा- 2024 लोकसभा चुनाव के ब्लूप्रिंट पर हो रही चर्चा
प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों ने केवल गुजरात के लिए बातचीत होने की बात को खारिज किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व और प्रशांत मुख्य तौर पर 2024 लोकसभा चुनाव के ब्लूप्रिंट पर चर्चा कर रहे हैं और लोकसभा चुनाव पर सहमति बनने पर गुजरात या अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भी प्रशांत की जिम्मेदारी में आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रशांत अपनी भूमिका को एक राज्य तक सीमित रखने के लिए तैयार नहीं हैं।
पेच
सुधारों की गति पर फंसा हुआ है पेच
प्रशांत किशोर और कांग्रेस की बातचीत में मुख्य पेच सुधारों को लेकर है। प्रशांत पार्टी में एकदम से बड़े सुधार करना चाहते हैं, वहीं गांधी परिवार धीरे-धीरे सुधार करना चाहता है ताकि पार्टी नेता नाराज न हों।
सूत्रों के अनुसार, प्रशांत के कांग्रेस में शामिल होने की हल्की सी संभावना अभी भी बाकी है, हालांकि उन्हें ये सब चार हफ्ते के अंदर ही तय करना होगा क्योंकि प्रशांत 2 मई को अपने भविष्य की योजना का ऐलान करेंगे।
असर
देश की राजनीति पर बड़ा असर डाल सकता है प्रशांत और कांग्रेस का साथ आना
अगर प्रशांत किशोर और कांग्रेस साथ आते हैं तो इसका देश की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है। अपनी सबसे बुरी स्थिति में होने के बावजूद कांग्रेस अभी भी देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, हालांकि वह अपने प्रदर्शन में सुधार करने में नाकाम रही है।
प्रशांत इस दिशा में उसकी मदद कर सकते हैं। वह कई प्लेटफॉर्म पर यह बात कह भी चुके हैं कि कांग्रेस भाजपा को सत्ता से हटाने का माद्दा रखती है।
पहली वार्ता
पिछले साल जुलाई-अगस्त में भी हुई थी प्रशांत और गांधी परिवार में बातचीत
बता दें कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में भी प्रशांत और कांग्रेस के बीच साथ आने को लेकर बातचीत हुई थी। तब प्रशांत के कांग्रेस में शामिल हो सकने की खबरें भी आई थीं, हालांकि ये बातचीत असफल रही।
इसके बाद प्रशांत ने सार्वजनिक मंचों से कई बार गांधी परिवार पर सवाल उठाए। इसके बावजूद दोनों पक्षों में एक-दूसरे को एक और मौका देने को लेकर सहमति बनी है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों में संवाद कभी बंद नहीं हुआ था।
पुराना रिकॉर्ड
प्रशांत ने आखिरी बार 2017 में किया था कांग्रेस के साथ काम
प्रशांत किशोर ने आखिरी बार 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ काम किया था। इस अभियान में उन्हें बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा था और सपा और कांग्रेस का गठबंधन बुरी तरह से हारा था।
माना जाता है कि कांग्रेस इस चुनाव में किशोर के कहे मुताबिक काम करने में नाकाम रही थी और उनकी कुछ सलाहों को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद से प्रशांत कांग्रेस के साथ काम नहीं करते हैं।