शिवसेना मामले में कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, एकनाथ शिंदे आज करेंगे महत्वपूर्ण बैठक
सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह के मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा। उद्धव ठाकरे के गुट ने चुनाव आयोग के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के पक्ष में दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बतौर रिपोर्ट्स, शिंदे मंगलवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे, जिसमें वह कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारियां दे सकते हैं।
उद्धव ठाकरे गुट ने अपनी याचिका में क्या कहा?
उद्धव ठाकरे गुट ने अपनी याचिका में कहा है कि मामले में चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष नहीं रही है। ठाकरे गुट की तरफ से पेश वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर कोई संरक्षण आदेश पारित नहीं किया गया तो पार्टी के बैंक खातों को टेकओवर कर लिया जाएगा। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर तत्काल रोक लगाने की मांग भी की है।
शिंदे गुट ने क्या दलील दी?
एकनाथ शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने याचिका पर बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए क्योंकि बॉम्बे हाई कोर्ट पहले ही ठाकरे गुट की याचिका को खारिज कर चुका है।
कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे दोनों गुट
एकनाथ शिंदे गुट के लिए आज की बैठक काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि उन्हें ठाकरे गुट द्वारा किए जा रहे लगातार हमलों के बीच कार्यकर्ताओं की वफादारी हासिल करने के लिए अधिक ताकत की जरूरत है। वहीं ठाकरे गुट भी कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए लगातार बैठकें कर रहा है। उद्धव ठाकरे ने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के लिए 'शिव शक्ति अभियान' शुरू करने की बात कही है।
शिंदे गुट को मिला शिवसेना के लिए आवंटित लोकसभा कार्यालय
लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को बताया कि लोकसभा में शिवसेना संसदीय दल के लिए आवंटित कार्यालय एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया गया है। सचिवालय ने यह जानकारी शिवसेना के सदन के नेता राहुल शेवाले द्वारा लिखे गए एक पत्र के जवाब में दी। शिंदे गुट को इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के लिए आवंटित कार्यालय भी दिया गया था। दोनों गुटों के बीच छिड़े घमासान के बाद इस कार्यालय को सील कर दिया गया था।
शिवसेना के नाम के लिए हुआ 2,000 करोड़ का सौदा- संजय राउत
ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने सोमवार को दावा किया था कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह की खरीद के लिए 2,000 करोड़ का सौदा हुआ है। उन्होंने कहा था कि यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 प्रतिशत सच है और देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने बड़ा हमला करते हुए चुनाव आयोग को केंद्र सरकार का गुलाम बताया था।
क्या है मामला?
एकनाथ शिंदे और ठाकरे गुट में शिवसेना को लेकर छिड़ी जंग के बीच चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उसे शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' दे दिया था। दरअसल, जून, 2022 में शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना उनके और उद्धव ठाकरे के दो गुटों में बंट गई थी। दोनों ही गुटों ने शिवसेना पर अपनी-अपनी दावेदारी पेश की थी और मामला चुनाव आयोग के पास पहुंच गया था।