लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर राहुल गांधी बोले- भारत के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार
क्या है खबर?
लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने को लेकर अधिसूचना जारी की गई है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई एक मानहानि मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद हुई।
इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान सामने आने के बाद राहुल ने एक ट्वीट किया है।
इसमें उन्होंने लिखा, 'मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं और मैं हर कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं।'
मामला
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार को सूरत की कोर्ट ने राहुल को मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की कैद और 15,000 रुपये जुर्माने का सजा सुनाई थी। इसके बाद ही लोकसभा सचिवालय ने उन पर कार्रवाई की है।
राहुल ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को करते हुए कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी होता है। इस बयान के खिलाफ सूरत में मानहानि का केस दर्ज हुआ था।
लोकसभा
लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना में क्या कहा?
लोकसभा सचिवालय की ओर से मामले में एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को रद्द किया जाता है।
यह आदेश उनके दोषी साबित होने के दिन यानी 23 मार्च, 2023 से लागू रहेगा। लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 8 के तहत यह फैसला लिया गया है।
बंगला
राहुल को लुटियंस दिल्ली का बंगला करना पड़ सकता है खाली
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद अगर इस मानहानि मामले में राहुल को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें एक महीने के भीतर लुटियंस दिल्ली में आवंटित अपना आधिकारिक बंगला खाली करना पड़ सकता है।
राहुल को 2004 में लोकसभा सांसद के रूप में चुने जाने के बाद लुटियंस दिल्ली का 12 तुगलक रोड बंगला आवंटित किया गया था।
विपक्ष
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने दिखाई एकजुटता
राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी का न्यू इंडिया है, जिसमें भाजपा के निशाने पर विपक्षी नेता हैं।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरत पड़ी तो वह जेल जाने को भी तैयार हैं और झूठ के खिलाफ वह सच बोलते रहेंगे।